धनबाद में पानी संकट की दस्तक, कागजों में तैयारी कर रहा विभाग
गर्मी आते ही धनबाद में शहर से लेकर गांव तक पानी संकट की समस्या शुरू हो गई है। कोलियरी क्षेत्र में एक बाल्टी पानी के लिए लंबी कतारें लगने लगी...
गर्मी आते ही धनबाद में शहर से लेकर गांव तक पानी संकट की समस्या शुरू हो गई है। कोलियरी क्षेत्र में एक बाल्टी पानी के लिए लंबी कतारें लगने लगी है। कोरोना वायरस में उलझे प्रशासन का ध्यान पानी संकट पर नहीं है। अप्रैल महीना खत्म होने को है और अगले महीने से ही पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी। लेकिन अभी तक कोई सरकारी तैयारी नहीं दिख रही है।
धनबाद शहरी क्षेत्र में सरकारी पानी कई मोहल्लों में नहीं पहुंचा है। यहां तक कि जहां निगम का कार्यालय है वहां भी नगर निगम का पानी नहीं पहुंचा। नगर निगम ने सभी वार्डों से खराब चापानल की सूची मंगवा ली है। निगम के सभी जेइ को स्थल निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। शुक्रवार को सभी जेइ की रिपोर्ट के बाद टेंडर प्रक्रिया होगी। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में एक माह का समय लग जाएगा तबतक लोग पानी के लिए तरसते रहेंगे।
लॉकडाउन में प्लंबर मिलना भी मुश्किल
नगर निगम अगर चापानल मरम्मत का काम शुरू करने का आदेश भी देता है तो अभी प्लंबर मिलना भी मुश्किल होगा। कोरोना की डर से कोई अभी घर से निकलना नहीं चाहता। ऐसे में गर्मी से पहले खराब पड़े दो हजार चापानल मरम्मत होना भी मुश्किल दिख रहा है।
धनबाद को नहीं मिल रहा नियमित पानी
लॉकडाउन में भी धनबाद को नियमित पानी नहीं मिल रहा है। निरसा में पाइप फटने की वजह एक हफ्ते पहले शहर में गंभीर जलसंकट हो गया था। यह स्थिति लगभग हर इलाके में है। वहीं शहर के बिनोद नगर, गांधी नगर इलाके में पानी का प्रेशर कम रहने की शिकायत लोग कर रहे हैं।
तोपचांची झील में एक महीने का मिलेगा पानी
तोपचांची झील से और एक महीने तक कोयलांचल में पानी आपूर्ति की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल तोपचांची झील में 12 फीट पानी शेष है। इससे संभावना जताई जा रही है कि अगले एक महीने तक ही पानी की आपूर्ति हो सकेगी। तोपचांची झील में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी पानी झील में नहीं है। पारसनाथ आदि पहाड़ों के श्रोतों से आने वाले नालों का निर्माण तथा मरम्मत भी करोड़ों रुपए की लागत से कराई गई। लेकिन सब हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। झील में पानी का श्रोत पूरी तरह से ठप हो गया है। तोपचांची झील से तोपचांची, कतरास, तेतुलमारी, धर्माबांध, सिजुआ, छाताबाद, पचगढ़ी बाजार, पांडेडीह आदि जगहों पर जलापूर्ति की जाती है।
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