बेलगड़िया में दस हजार की आबादी पर सिर्फ एक पीडीएस दुकान
धनबाद के बेलगड़िया में लगभग 10,000 लोगों के लिए केवल एक पीडीएस आउटलेट है। सर्वे में बताया गया है कि यहां कम से कम दो और आउटलेट की आवश्यकता है। 2806 विस्थापित परिवारों की मौजूदगी के कारण खाद्य आपूर्ति...
धनबाद, मुकेश सिंह। बेलगड़िया में लगभग दस हजार की आबादी पर सिर्फ एक पीडीएस (जनवितरण प्रणाली) आउटलेट है। ज्यादातर विस्थापित इसी पीडीएस आउटलेट से खाद्यान्न सहित अन्य चीजें खरीदते हैं। इसके अलावा झरिया और बलियापुर में दो पीडीएस आउटलेट हैं, जो बेलगड़िया से 12 किलोमीटर दूर है। यह जानकारी एनएसडीसी (नेशनल स्कील डेवलपमेंट काउंसिल) के सर्वे में सामने आई है। यानी बेलगड़िया में कम-से-कम दो और पीडीएस आउटलेट खुलने चाहिए। नेशनल स्कील डेवलपमेंट काउंसिल के सर्वे में बताया गया कि बेलगड़िया में एक परिवार में चार से पांच सदस्य हैं। परिवार में औसत सदस्यों की संख्या 4.3 है। 2806 विस्थापित परिवार बेलगड़िया में बसाए गए हैं। यानी लोगों की कुल संख्या बारह हजार से अधिक है। कुछ परिवार रोजगार के लिए पलायन कर गए हैं। इसके बाद भी लगभग दस हजार की आबादी है। सर्वे रिपोर्ट में एक पीडीएस आउटलेट को नाकाफी माना गया है। सर्वे में लोगों ने पीडीएस आउटलेट से वस्तुओं की अनियमित आपूर्ति की शिकायत भी की है।
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जब झरिया पुनर्वास व विस्थापन से जुड़े लोगों से हिन्दुस्तान ने बात की तो लोगों ने कहा कि निकट भविष्य में बेलगड़िया में कम-से-कम 15 हजार से अधिक लोगों को बसाने की योजना है। आवास का निर्माण किया गया है। कुछ में काम भी चल रहा है, इसलिए लोगों को बसाने के पहले पीडीएस जैसी सुविधा का विस्तार जरूरी है, इसलिए बीसीसीएल और जेआरडीए को इस दिशा में भी काम करना होगा। जेआरडीए सीधे तौर पर जिला प्रशासन से संबंध है। गैर-रैयतों का पुनर्वास पूरी तरह से जेआरडीए की जिम्मेदारी है। संशोधित पुनर्वास योजना में इस बात का जिक्र है कि रैयतों का पुनर्वास बीसीसीएल एवं गैर-रैयतों का पुनर्वास जेआरडीए के माध्यम से होगा, इसलिए बेलगड़िया को यदि आदर्श पुनर्वास स्थल बनाना है, तो केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को तुरंत मिले इसकी व्यवस्था करनी होगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।