इंडियन मुजाहिदीन कनेक्शन में धनबाद के यासर काट रहा ताउम्र कैद
धनबाद में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं का सिलसिला जारी है। अम्मार यासर, जो जयपुर एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, को उम्रकैद की सजा मिली। लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण का ड्राइविंग लाइसेंस भी धनबाद से बना था।...

धनबाद, मुख्य संवाददाता धनबाद से पहले भी आतंकी कनेक्शन जुड़ते रहे हैं। कट्टपंथियों के बहकावे में आकर युवा आतंक के दलदल में फंस रहे हैं। पांच मई 2014 को इंडियन मुजाहिदीन कनेक्शन में धनबाद के न्यू मटकुरिया रेलवे क्वार्टर में रहने वाला अम्मार यासर को जयपुर एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था। 30 मार्च 2021 को जयपुर के विशेष न्यायालय ने 12 अन्य लड़कों के साथ अम्मार को उम्रकैद की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
मार्च 2014 में जयपुर और जोधपुर से पकड़े गए इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित सदस्यों में शामिल मारुफ उर्फ इब्राहिम की निशानदेही पर एटीएस ने अम्मार को गिरफ्तार किया था। अम्मार धनबाद से अपने दादी से मिलने शेरघाटी थाना के काजीचक मुहल्ला गया था। रेलकर्मी का पुत्र अम्मार जयपुर के जीआईटी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहा था। आईएम के साथ नाम जुड़ने के बाद उसे कॉलेज से निकाल दिया गया था।
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लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण का धनबाद से बन गया था ड्राइविंग लाइसेंस
धनबाद जिला परिवहन कार्यालय से वर्ष 1997 में गुरिल्ला तमिल राष्ट्रवाद लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) प्रमुख प्रभाकरण का ड्राइविंग लाइसेंस बन गया था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में इसी संगठन का नाम आया था। बिना जांच के प्रभाकरण का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के आरोप में तत्कालीन माडा के चिकित्सक डॉ पुजो सिंह को वर्ष 2000 में जेल भी जाना पड़ा था। मामले में सीबीआई ने भी जांच की थी। तत्कालीन डीटीओ रामजी प्रसाद, एमवीआई सुनील प्रकाश तिवारी सहित अन्य को आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज किया गया था।
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समझौता एक्सप्रेस व अजमेर ब्लॉस्ट में भी एनआईए आई थी धनबाद
18 फरवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में हरियाणा के पानीपत के दीवाना स्टेशन पर हुए ब्लॉस्ट में 68 यात्रियों की जानें गई थीं जबकि 12 अक्तूबर 2007 को अजमेर शरीफ (राजस्थान) के ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में विस्फोट हुआ था। इन दोनों घटनाओं के तार भी धनबाद से जुड़े थे। दोनों मामलों में एनआईए ने 26 अप्रैल 2012 और दो सितंबर 2012 को धनबाद पहुंच अभिनव भारत नामक संगठन से जुड़े लोगों की तलाश की थी। 10 लाख के इनामी वांछित संदीप डांगे उर्फ परमानंद और रामचंद्र कलसांग्रा उर्फ रामजी उर्फ विष्णु पटेल की भी धनबाद में खोज-खबर ली थी। इस कांड में भी धनबाद से ड्राइविंग लाइसेंस बनाया था। इसी लाइसेंस के आधार पर जामताड़ा से मोबाइल सिम खरीदने की बात सामने आई थी।
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