झमाडाकर्मियों की हड़ताल खत्म, आज होगी जलापूर्ति
प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को झमाडाकर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई, लेकिन झरिया और पुटकी क्षेत्र की करीब 10 लाख की आबादी को पानी नहीं मिल...
प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को झमाडाकर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई, लेकिन झरिया और पुटकी क्षेत्र की करीब 10 लाख की आबादी को पानी नहीं मिल पाया। अब लोगों को शनिवार को ही पानी मिल पाएगा। हड़ताल खत्म होने के बाद रात नौ बजे तक जामाडोबा जल संयंत्र चालू नहीं हो पाया। हड़ताली कर्मी बुधवार की रात ही सभी वाल्व खोलकर चले गए थे, जिससे टेस्टिंग के लिए भी पाइप में पानी नहीं बचा था। वार्ता के बाद रात नौ बजे तक टेस्टिंग के लिए पानी भरने में ही झमाडा कर्मी लगे रहे। इस दौरान एक पंप खराब हो गया। दो पंप पहले से ही खराब हैं। दो पंपों के सहयोग से 12 एमजीडी में जल भंडारण का प्रयास किया गया। देर रात जल भंडारण भी शुरू हो गया। झमाडाकर्मियों के अनुसार अगर बिजली आपूर्ति सही रही, तो शनिवार को कई जगहों पर जलापूर्ति हो पाएगी। पंप की मरम्मत हो गई, तो सभी जगहों पर जलापूर्ति होगी।
पानी के लिए दिनभर परेशान रहे लोग:
दो दिन से जलापूर्ति नहीं होने से लोग पानी के लिए परेशान रहे। गुरुवार को डेगची, बाल्टी व पानी ढोने के बर्तन लेकर लोग कुएं समेत अन्य जलाशयों की ओर दिनभर भटकते रहे। उनका कहना था कि झमाडाकर्मियों को वेतन के लिए हड़ताल करनी पड़ती है। झरिया कोयलांचल के लोगों को बिल देने के बाद भी समय पर पानी नहीं मिल पाता है। कोरोना में दूषित पानी पीने से महामारी और ज्यादा फैलेगी। झरिया के कतरास मोड़, सिंदरी रोड, वाटर बोर्ड जलागार सहित कई जगहों पर लोग पानी ढोते हुए देखे गए। कुछ कंटेनमेंट जोन में विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की ओर से टैंकर से जलापूर्ति कराई गई। सबसे अधिक परेशानी अल्पसंख्यक मुहल्ले में देखी गई। शनिवार को बकरीद है और अबतक पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। हालांकि माडा प्रबंधन ने दावा किया कि अहले सुबह से जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। झमाडाकर्मियों का कहना है कि एक माह का वेतन मिला है, लेकिन वेतन का भुगतान अब मंगलवार को ही हो पाएगा। बकरीद मनानेवाले को निराशा ही हाथ लगी है। शनिवार से सोमवार तक बैंक बंद है।
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