श्री राम कथा के दौरान सिया राम विवाह प्रसंग पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
चासनाला में श्रीराम उत्सव का आयोजन किया गया, जहां कथा वाचक अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने रामजी का जनकपुर में विवाह का वर्णन किया। सभी देवताओं ने मानव रूप धारण कर विवाह में हिस्सा लिया। विदाई के समय मिथिला...
चासनाला, प्रतिनिधि। सुदामडीह न्यू माइनस स्थित शहीद खुदीराम बोस खेल मैदान परिसर में रविवार को राष्ट्र आराधना मंच द्वारा श्रीराम उत्सव में श्रीधाम अयोध्या से पधारे कथा वाचक अभिषेक कृष्ण शास्त्री ने कहा कि रामजी का जनकपुर में विवाह हुआ। सखी सहेलियों ने मिलकर विवाह की सारी रस्में पूरी कराई। सभी देवताओं ने मानव रूप धारण कर रामजी के विवाह में शामिल हुए। महाराज जनक व माता सुनैना ने रामजी के पांव को पाखरा। चार भाई रामजी व चारों बहन सियाजी का मंडप में भांवरी हुआ। इसके बाद रामजी का कलेवा हुआ। छह महीने तक बारात जनकपुरी में ठहरी रही। जब विदाई का समय आया तो सारी मिथिला में मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। मनुष्य की दशा का वर्णन कौन करें। स्वयं पशु पक्षी रो रहे थे कि आज मेरी सिया विदा हो जाएगी। माता सुनैना बार-बार हृदय से लगाती है। मौके पर मंच के अध्यक्ष डा. बीरेंद्र कुमार, पंकज दुबे, शशिकांत निराला, संजय सिंह, अमित सिंह, संतोष रवानी, कृष्णा रवानी, राजन श्रीवास्तव आदि थे।
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