बीआईटी को स्वायत्त बनाने का मांगा प्रस्ताव, विरोध भी शुरू
राज्य सरकार ने बीआईटी सिंदरी को वित्तीय व प्रशासनिक स्वायत्तता देने के संबंध में संस्थान के निदेशक से इस प्रस्ताव से संबंधित सभी कागजात उपलब्ध कराने को कहा...
राज्य सरकार ने बीआईटी सिंदरी को वित्तीय व प्रशासनिक स्वायत्तता देने के संबंध में संस्थान के निदेशक से इस प्रस्ताव से संबंधित सभी कागजात उपलब्ध कराने को कहा है।
निदेशक की ओर से 22 मई को लिखे गए पत्र के आलोक में उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग के अवर सचिव रवींद्र कुमार सिंह ने यह प्रस्ताव मांगा है। दूसरी ओर स्वायत्त हो जाने की स्थिति में फीस बढ़ जाने की आशंका को देखते हुए सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ऑटोनॉमस के प्रस्ताव से बीआईटी सिंदरी के कर्मियों में भी रोष है।
शिक्षकों और कर्मियों में रोष : संस्थान के कर्मचारियों ने कहा कि बीआईटी के निदेशक ने इस प्रस्ताव पर शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सहमति नहीं ली है। शिक्षकों का कहना है कि ऑटोनामस बनने से शिक्षकों एवं कर्मचारियों की स्वतत्रंता पर पाबंदी लग जाएगी। कॉलेज के निदेशक के मुताबिक ही चलना मजबूरी हो जाएगी। राज्य के एससी, एसटी, पिछड़ा तथा अन्य सामान्य जाति के गरीब बच्चों का इस कॉलेज में पढ़ना सपना बनकर रह जाएगा। क्योंकि ऑटोनॉमस बनने के बाद फीस में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।
ऑटोनॉमस बनाने की प्रक्रिया पर रोक लगाए सरकार : विधायक इन्द्रजीत महतो ने कहा कि राज्य के एकमात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज बीआईटी सिंदरी को ऑटोनॉमस बनाने की प्रक्रिया पर सरकार रोक लगाए। क्योंकि राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवार के बच्चों का अभियंत्रण पढ़ना संभव नहीं होगा। राज्य के किसान-मजदूर के बच्चे आखिर ऊंची फीस कहां से दे पाएंगे। निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि संस्थान को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वायत्तता के लिए किए गए पत्राचार पर कार्रवाई चल रही है।
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