सिंदरी-चंदनकियारी में झामुमो की दिलचस्पी देख भाजपा सतर्क
धनबाद में भाजपा की दो सीटें, सिंदरी और चंदनकियारी, झामुमो के बढ़ते दिलचस्पी के कारण भाजपा के रणनीतिकार सतर्क हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सभा के बाद सीटों में बदलाव की चर्चा हो रही है। भाजपा ने...
धनबाद। कोयलांचल भाजपा की उर्वर भूमि बेशक है, लेकिन भाजपा की दो सीटिंग सीट सिंदरी और चंदनकियारी में झामुमो की दिलचस्पी देखकर भाजपा के रणनीतिकार सतर्क हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सिंदरी और चंदनिकयारी में सभा के बाद सियासी गलियारे में काफी चर्चा है। कहा यहां तक जा रहा है कि सबकुछ योजनाबद्ध ढंग से हुआ तो सिंदरी-चंदनकियारी में पाला बदल का खेल भी हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी की सीट होने के कारण भाजपा के लिए चंदनकियारी हाईप्रोफाइल सीट है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद सिंदरी विधानसभा सीट ज्यादातर बार भाजपा को मिली है। वैसे सिंदरी में मासस का भी जनाधार है, जिसका माले में विलय हो गया है। सिंदरी विधानसभा सीट से मासस के टिकट पर एके राय और आनंद महतो कई चुनाव जीत चुके हैं। दूसरी तरफ चंदनकियारी विधानसभा सीट की बात करें तो 2000 एवं 2005 के चुनाव में झामुमो के हारू रजवार विधायक बने थे। पहली बार 2019 में भाजपा को चंदनकियारी में सफलता मिली। वैसे भाजपा विधायक अमर बाउरी 2014 में चंदनकियारी से पहली बार जेवीएम प्र. के टिकट पर विधायक बने थे। कोयलांचल की राजनीति को करीबी से जानने-समझने वालों की मानें तो परिवर्तन यात्रा के माध्यम से भाजपा ने माहौल बनाने की कोशिश की है। वैसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सिंदरी और चंदनकियारी में आयोजित सभा भी सियासी हलके में चर्चा में है। कहा यहां तक जा रहा है कि सीट शेयरिंग की घोषणा होने के साथ सिंदरी-चंदनिकयारी सहित कोयलांचल की कुछ सीटों में पाला बदल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एनडीए और महागठबंधन की ओर से सीट टिकट बंटवारे का इंतजार है। भाजपा-झामुमो पर सहयोगी दलों का भी दबाव है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बात करने पर कहा कि सभी परिस्थितियों के अनुरूप पार्टी काम कर रही है। किसी सीट को आसान समझने की गलती भाजपा नहीं कर रही है। सभी सीटों पर मुकम्मल रणनीति के साथ लड़ेंगे और जीतेंगे।
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