Hindi Newsझारखंड न्यूज़धनबादNot even a third passenger is traveling in a local train

एक तिहाई यात्री भी लोकल ट्रेन में नहीं कर रहे सफर

आंशिक लॉकडाउन कहें या फिर कोरोना का खौफ। लोग तेजी से रेल यात्रा से तौबा कर रहे हैं। लोकल ट्रेनों की खाली सीटें कोरोना के दूसरे लहर के कहर को बयां कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 26 April 2021 03:35 AM
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धनबाद, मुख्य संवाददाता

आंशिक लॉकडाउन कहें या फिर कोरोना का खौफ। लोग तेजी से रेल यात्रा से तौबा कर रहे हैं। लोकल ट्रेनों की खाली सीटें कोरोना के दूसरे लहर के कहर को बयां कर रही हैं। टिकट काउंटरों पर पसरे सन्नाटे से भी इस विपरीत परिस्थिति की झलक देखी जा सकती है। धनबाद होकर चलने वाली लोकल (मेमू) ट्रेनों को ना के बराबर यात्री मिल रहे हैं।

आंशिक लॉकडाउन से कुछ दिन पूर्व तक जहां मेमू ट्रेनों के लिए धनबाद स्टेशन से करीब छह हजार टिकट हर दिन बिक रहे थे, वह आंकड़ा घट कर 15 से 17 सौ पर सिमट गया है। फिलहाल धनबाद होकर आसनसोल-गोमो, आसनसोल-बरकाकाना, आसनसोल-गया पैसेंजर और आसनसोल-वाराणसी बरेली पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। इन ट्रेनों में ज्यादातर छात्र-छात्राएं और धनबाद के विभिन्न संस्थानों में कामकाज करने वाले लोग ही सफर करते हैं। कोर्ट, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों के बंद रहने की वजह से यात्रियों में सबसे ज्यादा कमी आई है। आंशिक लॉकडाउन में 24 सेवाओं को छोड़ अन्य प्रतिष्ठान बंद हैं। इसलिए ट्रेनें यात्री के लिए तरह रही हैं। ट्रेनों के साथ-साथ प्लेटफार्म टिकट की बिक्री भी ठप है। दो से ढाई हजार प्लेटफार्म टिकट हर दिन बेचने वाले धनबाद स्टेशन में इन दिनों महज ढाई सौ से तीन सौ प्लेटफार्म टिकट ही बिक रहे हैं।

इंटरसिटी ट्रेनों में पांच प्रतिशत बुकिंग

लोकल ट्रेनों के साथ-साथ कम दूरी वाली इंटरसिटी ट्रेनों में भी बुकिंग की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इंटरसिटी ट्रेनों की जेनरल बोगियों की भी सेकेंड सीटिंग के रूप में बुकिंग हो रही है। धनबाद-रांची इंटरसिटी, बाबाधाम-रांची इंटरसिटी और दुमका-रांची इंटरसिटी में 90 से 95 प्रतिशत सीट खाली हैं। रांची-भागलपुर, हटिया-गोरखपुर मौर्य और गंगा दमोदर जैसी भीड़भाड़ वाली ट्रेनें भी वैवाहिक लग्न के मौसम में भी पूरी तरह से खाली जा रही हैं। सेकेंड सीटिंग तो दूर लोग स्लीपर और एसी में भी रिजर्वेशन नहीं करा रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति लंबी दूरी की ट्रेनों में भी है। डाउन की ट्रेनों में भर-भर कर यात्री आ रहे हैं लेकिन महानगर जाने वाली ट्रेनें इधर से खाली ही जा रही हैं।

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