वाहन फाईनांस कराकर 300 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह का पांचवा सदस्य गिरफ्तार
गुजरात एवं महाराष्ट्र के अन्य जगहों से पांच वाहन जब्त गुजरात एवं महाराष्ट्र के अन्य जगहों से पांच वाहन जब्त झरिया प्रतिनिधि झारखण्ड के कई लोगों से व
झरिया, प्रतिनिधि। झारखंड के कई लोगों से वाहन फाइनांस कराकर निजी कंपनी में चलाने के नाम पर करीब 300 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने वाले गुजरात के भावनगर निवासी अशोक तरुण नथानी के गिरोह का एक और सदस्य निकुंज अशोक भाई नथानी को झरिया पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गुजरात व महाराष्ट्र से पुलिस ने पांच महंगी गाड़ियों को भी जब्त किया है। मामले का खुलासा झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान किया। झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार ने बताया कि 03 नवंबर 2024 को बनियाहिर निवासी इंद्रजीत कुमार सिंह के लिखित शिकायत पर 16 नामजद के खिलाफ झरिया थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। कार्रवाई करते हुए उसी महीने 28 नवंबर 2024 को अशोक तरुण नथानी व उसका साथी ब्रिजेश दिलीप सिंह गोहेल को महाराष्ट्र के ठाणे थाना से न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर झरिया थाना ले आई थी। जांच के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेज दिया था। दोनों की निशानदेही पर एक महंगी गाड़ी भी बरामद हुआ था। वहीं 14 दिसंबर 2024 को गिरोह के दो अन्य सदस्य राजकुमार दत्ता और मुकेश साव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसी दौरान अनुसंधान के क्रम मे गिरोह के एक और सदस्य निकुंज अशोक भाई नथानी के बारे मे जानकारी मिली कि किसी अन्य ठगी के मामले में निकुंज अशोक भाई नथानी लाजपोर सेंट्रल जेल सूरत में बंद है। जिसके बाद वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर कांड के अनुसंधानकर्ता बिट्टू कुमार व अन्य पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व मे टीम गठित कर महाराष्ट्र व गुजरात भेजी गई। लाजपोर सेंट्रल जेल सूरत मे बंद निकुंज अशोक भाई नथानी को रिमांड पर लिया गया। जिसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर पांच महंगी गाड़ियों को गुजरात व महाराष्ट्र के अन्य जगहों से बरामद कर झरिया लाया गया। इस पूरे कांड में पुलिस ने अबतक कुल पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है।
अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। झरिया थाना में गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही ठगी का शिकार हुए सभी वाहन मालिक रविवार को झरिया थाना पहुंच कर अपने वाहनों का जानकारी लेने के लिए जुट गए। वाहन मालिकों में उम्मीद जगी है कि शायद अब उनके वाहन मिल जाएंगे। ठग इतने चालाक है कि सभी वाहन मालिकों से बैंक फाइनेंस के नाम पर कागजात पर साइन करा लिया था। उसके बाद बैंक द्वारा शोरूम से सीधे ठग अपने साथ गुजरात सहित कई अन्य राज्यों में महंगे वाहनों को ले जाकर चलाते थे। ताज्जुब की यह बात है कि वाहन मालिक अपने वाहन को कभी देखा भी नहीं है। पुलिस सूत्रों के माने तो ठग सभी वाहनों को बड़े-बड़े अधिकारी एवं विधायक वाहनों का उपयोग करने के लिए दिया था।
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