धनबाद में होगा बीज का उत्पादन, दूसरे राज्यों पर निर्भरता होगी खत्म
धनबाद में किसानों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन शुरू करने का निर्णय लिया है। अंकुरा बीज ग्राम राजगंज का चयन किया गया है, जहां रबी और खरीफ फसलों के लिए...
धनबाद। किसानों की एक ही शिकायत हर समय रहती है कि समय पर उन्हें बीज नहीं मिल पाता है। राज्य सरकार ने इस समस्या का हल करने के लिए अब स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। राज्य के दस जगहों पर अब खरीफ और रबी फसलों के लिए बीज का उत्पादन होगा। धनबाद के अंकुरा बीज ग्राम राजगंज का चयन इस सूची में किया गया है, जहां बीज का उत्पादन किया जाएगा। झारखंड में नेशनल सीड कॉरपोरेशन (एनएससी) नई दिल्ली से बीज की आपूर्ति की जाती है। एनएसई भी हरियाणा, पंजाब, बिहार, बंगाल से बीज खरीदकर उसे राज्यों को आपूर्ति करता है। इस पूरी प्रक्रिया में कई बार समय पर बीज की आपूर्ति किसानों तक नहीं हो पाती है। अब झारखंड के दस बीज ग्राम में बीज का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें एक अंकुरा बीज ग्राम राजगंज का भी चयन किया गया है। अगले महीने से बीज का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। अंकुरा बीज ग्राम राजगंज के संचालक राजेश चौधरी ने बताया कि हमें रबी-खरीफ और मिलेट (मोटे) अनाज का उत्पादन किया जाएगा। सरकार की ओर से आधुनिक मशीन देने की भी बात चल रही है, जिसके माध्यम से बीज की ग्रेडिंग की जाएगी।
धनबाद से दूसरे जिलों में भी होगी बीज की आपूर्ति: राजगंज स्थित अंकुरा बीज ग्राम में सीड प्रोडक्शन के बाद उसे राज्य बीज निगम रांची को दिया जाएगा। वहां से पूरे झारखंड में बीज का वितरण किया जाएगा। धनबाद में उत्पादन होने वाला बीज दूसरे जिलों में भी भेजा जाएगा। उत्पादन के बाद पैकेजिंग और ग्रेडिंग का काम भी धनबाद में ही किया जाएगा। आने वाले खरीफ के मौसम से बीज की शुरुआत कर दी जाएगी।
धनबाद में 7000 क्विंटल बीज की हर साल जरूरत: धनबाद में हर साल लगभग 7000 क्विंटल बीज की जरूरत पड़ती है, जिसमें खरीफ फसल धान और मक्का का बीज लगभग 5000 क्विंटल की जरूरत होती है। वहीं रबी फसल में गेहूं, चना, सरसों का बीज मिलाकर दो हजार क्विंटल बीज की जरूरत होती है।
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