जोड़ाफाटक- पूजा टॉकीज ओवरब्रिज रद्द
रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण जोड़ाफाटक से पूजा टॉकीज तक आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज ) निर्माण से राज्य सरकार ने हाथ खींच लिया है। अब मटकुरिया चेकपोस्ट से आरा मोड़ तक ओवरब्रिज निर्माण संबंधी निगम का...
रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण जोड़ाफाटक से पूजा टॉकीज तक आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज ) निर्माण से राज्य सरकार ने हाथ खींच लिया है। अब मटकुरिया चेकपोस्ट से आरा मोड़ तक ओवरब्रिज निर्माण संबंधी निगम का प्रस्ताव आगे बढ़ेगा। विश्व बैंक से स्वीकृति मिलने पर निगम के प्रस्ताव पर काम होगा। यह बात पिछले सप्ताह प्रदेश बीस सूत्री की बैठक में उठे सवालों के जवाब में दिया गया है। दो दिन पहले बैठक के मिनट्स जारी किये गये हैं। सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने मामले को उठाया था।
जारी मिनट्स में जवाब दिया गया है कि धनबाद डीआरएम सभागार में पथ निर्माण विभाग द्वारा तैयार कराए गए आरओबी ( रेलवे ओवरब्रिज) की डीपीआर पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के साथ चर्चा हुई थी।डीआरएम की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया गया। डीआरएम बोले कि उक्त स्थल पर भविष्य में रेलवे ट्रैक बिछाया जाना है। इसलिए एनओसी संभव नहीं है। मेयर धनबाद द्वारा सूचित किया गया है कि नगर निगम द्वारा आरओबी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए विश्व बैंक से योजना की स्वीकृति मिलने वाली है।
बात रेलवे की चालाकी और निगम की बेवकूफी की : सांसद
मामले पर सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि रेलवे से एनओसी लेने की ठोस पहल होनी चाहिए थी। राज्य सरकार ओवरब्रिज नहीं बनाएगी तो मामला लंबा खिंचेगा, लटक भी सकता है। गया पुल चौड़ीकरण का काम भी प्रभावित है। रेलवे से एनओसी के मुद्दे पर ही वार्ता के लिए प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल के फोन नहीं उठाने की बात बैठक में कही थी। कोई व्यक्तिगत मामला नहीं था। एनओसी पर रेलवे से बात करने की जिम्मेदारी सुनील वर्णवाल को ही मिली थी। सांसद ने एक और मामला उठाते हुए कहा कि रेलवे की जिस जमीन पर सड़क बननी थी वहां रेलवे और निगम के बीच पार्क के लिए एमओयू हो गया। प्राथमिकता सड़क को मिलनी चाहिए थी।
रेलवे से एनओसी नहीं मिला तो निगम कैसे जिम्मेदार : मेयर
सांसद के अधीन रेल है। अब आरओबी के प्रस्ताव पर रेलवे से एनओसी नहीं मिला तो इसमें निगम कैसे जिम्मेदार है। डीआरएम से एनओसी नहीं मिला तो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पर दबाव बनाएं। जोड़ाफाटक से पूजा टाकिज तक के आरओबी का प्रस्ताव निगम के प्रस्ताव से अलग है। निगम का प्रस्ताव मटकुरिया चेक पोस्ट से आरा मोड़ तक ओवरब्रिज का है। निगम विश्व बैंक से स्वीकृति की उम्मीद में प्रस्ताव दिया है। इसलिए मामले में कहीं से भी निगम को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। निगम तो हाल में बना है। धनबाद को इसके पहले ओवरब्रिज मिल जाना चाहिए था। ट्रैफिक की समस्या काफी पहले से है।
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