बोले धनबाद: झरिया बाजार में हो ट्रैफिक पुलिस तैनात, तभी मिलेगी जाम से मुक्ति
झरिया, जिसे कोयला की राजधानी कहा जाता है, में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल हो गई है। यहां के निवासी रोजाना जाम से जूझ रहे हैं, जिससे स्कूलों के समय स्थिति और बिगड़ जाती है। प्रशासन की अनदेखी और...

झरिया को कोयला की राजधानी कहा जाता है। यहां के कोयले से देश के कई शहर रोशन होते हैं। झरिया के रहने वाले कोयले में लगी आग, भू-धंसान तथा प्रदूषण के प्रभावित है। ऊपर से यहां ट्रैफिक जाम की समस्या ने तो झरिया के लोगों को नाको दम कर रखा है। झरियावासी ट्रैफिक जाम से रोजाना जूझ रहें हैं। ट्रैफिक जाम से आम जन से लेकर खास तक, सभी प्रभावित है। ट्रैफिक जाम की समस्या अब यहां के लिए प्रदूषण, विस्थापन जैसा जन मुद्दा बन गया है। हालात है कि ट्रैफिक जाम के कारण लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है। खास करके जब स्कूलों की छुट्टी होती है तब और भी स्थिति दयनीय हो जाती है। बच्चों से भरा बस, एम्बुलेंस तक जाम में फंस जाते है। जिसका मुख्य कारण है सड़कों का अतिक्रमण, लचर ट्रैफिक व्यवस्था और सड़क पर अवैध पार्किंग है।
झरिया का कोयला देश को रोशन करता है। कोयले से ही झरिया की पहचान है। झरिया में कोकिंग कोल पाया जाता है। यह स्टील उद्योग के लिए उपयोगी है। धनबाद की अर्थ-व्यवस्था कोयला के ही आस-पास घूमती है। इसके बाद भी सरकार झरिया की उपेक्षा कर रही है। प्रशासन का भी ध्यान झरिया पर नहीं है। झरिया में वायु प्रदूषण. ध्वनि प्रदूषण, भू-धंसान तथा जमीन के अंदर है। इसके साथ-साथ यहां ट्रैफिक जाम की समस्या भी है। इसका समाधान को स्थानीय प्रशासन कर सकता है। लेकिन इस पर भी प्रशासन का ध्यान नहीं है। ट्रैफिक जाम से जीना मुहाल है। प्रशासन इससे निजात दिलाए। ऐसा कहना है झरिया को लोगों का। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित बोले धनबाद कार्यक्रम में झरिया के लोगों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। लोगों ने कहा कि ट्रैफिक जाम ने जीना हराम कर रखा है। कारोबार चौपट हो गया है।
झरिया के लोगों ने कहा कि झरिया की जनता ट्रैफिक जाम की समस्या से त्राहिमाम कर रही है। जाम से सभी वर्ग के लोग प्रभावित है। स्थिति यह हो गई है कि बाजार में खरीददारी करना मुश्किल हो गया है। लोग खरीदारी के लिए आने से बचना चाहते हैं। इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है। झरिया के लोगों ने इससे निजात दिलाने के लिए कई बार आंदोलन किया। धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन का दौर भी चला, लेकिन नतीजा वही ठाक के तीन पात। थोड़े समय के लिए प्रशासन सक्रिय होता है। कुछ समय के लिए ट्रैफिक जाम से निजात मिल जाती है। कुछ दिनों के बाद फिर वही स्थिति हो जाती है। प्रशासन ट्रैफिक जाम से निदान की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं करता है। यही कारण है कि प्रदूषण, विस्थापन के साथ-साथ ट्रैफिक जाम भी जन मुद्दा बनता जा रहा है।
झरिया के लोगों ने कहा कि सबसे बुरी स्थिति स्कूल टाइम में होती है। बच्चों को स्कूल पहुंचाने तथा स्कूल से लाने के समय में तो स्थिति भयावह हो जाती है। कुछ मिनटों का सफर घंटों का बन जाता है। ट्रैफिक जाम के कारण बच्चों से भरी बसें, एम्बुलेंस तक फंस जाती हैं। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। झरिया के लोगों का कहना है कि यह नहीं है कि यहां की सड़कों की चौड़ाई कम है। लेकिन मुख्य सड़क से लेकर लिंक रोड में अतिक्रमण है। अतिक्रमण के कारण स्थिति सबसे खराब होजाती है। ऊपर से लचर ट्राफिक व्यवस्था और पार्किंग के लिए जगह का नहीं होना भी ट्रैफिक जाम को और विकराल बना देता है। नो इंट्री के बाद भी शहर में बड़े वाहन घुस जाते हैं। जिसे देखने और टोकने वाला कोई नहीं है। इससे परेशानी और बढ़ जाती है।
कोयला लदे बड़े वाहन (हाइवा) का परिचालन भी मुख्य सड़कों तथा लिंक रोड से होता है। इस कारण समस्या और विकराल हो जाती है। झरिया के लोगों का कहना है कि शहर में 12 से अधिक बैंकक व इतने ही अस्पताल हैं। अधिकतर के पास पार्किग स्पेस नहीं है। जिस कारण लोग सड़कों पर दो पहिया तथा चाप पहिया वाहन खड़ा कर देते हैं। जिसके कारण आये दिन जाम की समस्या बनी रहती है। पर्व-त्योहार के दिनों में झरिया पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था में लगी रहती है। पर्व खत्म होते ही यथावत स्थिति बन जाती है। ऑटो व टोटो चालक सवारी के लिए आड़े- तिरछे अपने वाहन को खड़ा रखते हैं। यह भी ट्रैफिक जाम का एक प्रमुख कारण है। झरिया में जाम की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। यहां ट्रैफिक सिस्टम फेल है। ट्रैफिक पुलिस की तैनाती ना के बराबर है।
सुझाव
1. सभी दुकानदार ईमानदारी से सड़क छोड़कर दुकानदारी करें, तभी जाम से निजात मिल सकता है।
2. शहर में वन वे ट्रॉफिक व्यवस्था बहाल करने की सख्त जरूरत है साथ ही ट्रैफिक नियमों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए
3. पार्किंग की व्यवस्था अति आवश्यक है। बीसीसीएल की जमीन को समतल कर पार्किंग स्थ्ल बनाया जा सकता है।
4. ऑटो और टोटो का ठहराव व रूट निर्धारित किया जाए। इससे चालकों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
5. अभियान चलाकर शहर के मेन रोड़ से लेकर अंदर बाजार तक के सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराया
शिकायतें
1. सभी दुकानदार ईमानदारी से सड़क छोड़कर दुकानदारी करें, तभी जाम से निजात मिल सकता है।
2. शहर में वन वे ट्रॉफिक व्यवस्था बहाल करने की सख्त जरूरत है साथ ही ट्रैफिक नियमों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए
3. पार्किंग की व्यवस्था अति आवश्यक है। बीसीसीएल की जमीन को समतल कर पार्किंग स्थ्ल बनाया जा सकता है।
4. ऑटो और टोटो का ठहराव व रूट निर्धारित किया जाए। इससे चालकों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
5. अभियान चलाकर शहर के मेन रोड़ से लेकर अंदर बाजार तक के सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराया
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