कोर्ट में दुर्गा पूजा से छठ तक छुट्टी की बजाए मिलेगा ग्रीष्मावकाश
झारखंड उच्च न्यायालय ने 2025 से सिविल कोर्ट में वार्षिक अवकाश के बदले दो सप्ताह का ग्रीष्मावकाश प्रस्तावित किया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने अधिवक्ताओं की राय के अनुसार सहमति दी...
धनबाद। राज्य के सिविल कोर्ट में अगले वर्ष 2025 से वार्षिक अवकाश के बदले दो सप्ताह का ग्रीष्मावकाश हो सकता है। झारखंड हाई कोर्ट ने इस संबंध में राज्य के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिख कर जिला बार एसोसिएशन से अधिवक्ताओं से राय शुमारी कर मंतव्य मांगा है। झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल निकेश कुमार सिन्हा की ओर से भेजे गए पत्र पर धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय उर्फ मुन्ना बाबू ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से अपनी सहमति जताई है। झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने पत्र में कहा है कि दुर्गा पूजा के अवसर पर सिविल कोर्ट में होने वाले वार्षिक अवकाश के बदले दो सप्ताह का ग्रीष्मकालीन अवकाश एवं दशहरा तथा दीपावली की छुट्टी के लिए अधिवक्ताओं से राय शुमारी कर यथाशीघ्र उच्च न्यायालय को अवगत कराया जाए, ताकि वर्ष 2025 के कैलेंडर में इसे लागू किया जा सके। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने बताया कि राय शुमारी में अधिकांश अधिवक्ताओं ने वार्षिक अवकाश में कटौती कर 15 दिनों के ग्रीष्मावकाश के लिए सहमति व्यक्त की है। आम अधिवक्ताओं की राय को देखते हुए उन्होंने बार एसोसिएशन की ओर से रजिस्ट्रार जनरल के पत्र पर सहमति व्यक्त कर दी है।
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