खतरनाक गड्ढे और खुले ड्रेन दे रहे हादसों को आमंत्रण
पीएमसीएच में दीवार निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में डूब कर शनिवार को एक बच्चे की मौत हो गई। निर्माण करने वाली कंपनी की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान...
धनबाद प्रमुख संवाददाता
पीएमसीएच में दीवार निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में डूब कर शनिवार को एक बच्चे की मौत हो गई। निर्माण करने वाली कंपनी की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान गई। शहर में ऐसे दर्जनों गड्ढे हैं, जो बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं। इन गड्ढों पर किसी की नजर नहीं है।
धनबाद में सबसे खराब स्थिति यहां के ड्रेन की है। पिछले दस साल में नगर निगम ने जितनी भी नालियां बनाईं, किसी को कवर नहीं किया। पांच साल पहले बैंक मोड़ में खुले ड्रेन में गिरकर एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इसके बाद बहुत हंगामा हुआ था लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। आज भी शहर के सभी ड्रेन खुले हैं।
शहर के मुख्य ड्रेन बरसात में हो जाते हैं खतरनाक
शहर का मुख्य ड्रेन खुला हुआ है। हाउसिंग कॉलोनी से जयप्रकाश नगर के रास्ते नया बाजार, मटकुरिया होते हुए यह नाला दामोदर नदी में गिरता है। हाउसिंग कॉलोनी और नया बाजार में 15 फीट से अधिक चौड़े नाले में गिर कर कभी भी किसी की जान जा सकती है।
बिशुनपुर और बाबूडीह में खुले नाले खतरनाक
शहर के बिशुनपुर और बाबूडीह इलाके में भी खुले नाले खतरनाक हो गए हैं। पुराने नाले जर्जर हो चुके हैं लेकिन इसे ढंकने की न निगम की योजना है और न ही कोई बजट ही निर्धारित है।
अंडरग्राउंड केबलिंग के नाम पर खोदे जा रहे गड्ढे
शहर में 300 करोड़ की अंडरग्राउंड केबलिंग की योजना चल रही है। पूरे शहर में 50 से अधिक गड्ढे खोद कर छोड़ दिए गए हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से इसे बंद करने का दबाव नहीं दिया जा रहा है।
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