Hindi NewsJharkhand NewsDhanbad NewsIndian Archaeological Department Suggests Preservation of 1000-Year-Old Jhiji Hill Temple in Dhanbad

दसवीं शताब्दी के झींझी पहाड़ी मंदिर को संरक्षित करेगी सरकार

भारतीय पुरातत्व विभाग ने धनबाद के झींझी पहाड़ी शिव मंदिर को धरोहर मानते हुए इसके संरक्षण का सुझाव दिया है। मंदिर की स्थिति खराब हो रही है और इसे संरक्षित करने के लिए जिला पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव भेजा...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादFri, 31 Jan 2025 03:51 AM
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दसवीं शताब्दी के झींझी पहाड़ी मंदिर को संरक्षित करेगी सरकार

धनबाद, गंगेश गुंजन भारतीय पुरातत्व विभाग ने कतरास के झींझी पहाड़ी मंदिर को धरोहर बताते हुए इसके संरक्षण का सुझाव दिया है। विभाग ने इस मंदिर को एक हजार साल पुराना दसवीं शताब्दी का बताया है। इतने पुराने ऐतिहासिक मंदिर को धनबाद जिला पर्यटन विभाग ने संरक्षित करने का निर्णय लिया है। रख-रखाव के अभाव में दिन-प्रतिदिन इस मंदिर की स्थिति खराब हो रही है।

जिला पर्यटन विभाग के नोडल पदाधिकारी उमेश लोहरा और जिला स्तरीय पर्यटन विशेषज्ञ संतोष कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने मंदिर का निरीक्षण किया। टीम ने मंदिर की स्थिति का आकलन किया। इस मंदिर को संरक्षित करने के लिए जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डीटीपीसी) ने मंजूरी दे दी है। मंदिर को राज्य पर्यटन संवर्धन परिषद (एसटीपीसी) से मंजूरी के लिए जिला पर्यटन विभाग प्रस्ताव भेज रहा है। वहां से मंजूरी मिलते ही यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हर साल सरकारी से फंड मिलेगा। वर्तमान में स्थानीय मंदिर कमेटी ही इसका रख-रखाव आपसी चंदे से करती है।

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पत्थरों से निर्मित मंदिर में नहीं हुआ है सीमेंट का प्रयोग

एक हजार साल पुराना झींझी पहाड़ी शिव मंदिर एक पत्थर के ऊपर दूसरा पत्थर रखकर बनाया गया है। इसमें सीमेंट या किसी अन्य सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर के अंदर मौजूद शिवलिंग को ओडिशा के कलिंगा के एक मंदिर से मिलता-जुलता बताया गया है। इस मंदिर की ऊंचाई 28 फीट है। मुख्य द्वार 3.3 फीट का है। मंदिर में पत्थर की कलाकृतियां दर्शायी गई हैं। श्रीश्री बूढ़ा बाबा मंदिर ट्रस्ट ने इस मंदिर को राजकीय धरोहर घोषित करने की मांग सरकार से की है।

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झींझी पहाड़ी मंदिर का संरक्षण करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के पास इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। मंजूरी मिलने पर मंदिर के आसपास पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। लोगों का जुड़ाव इस मंदिर से है। धनबाद को पर्यटन के मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।

- उमेश लोहरा, नोडल अधिकारी, जिला पर्यटन विभाग

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