पहले विदेशी डोजर के भरोसे थीं कोयला कंपनियां, अब 90% देसी
धनबाद में कोल इंडिया ने बताया कि अब कोयला कंपनियां 90 प्रतिशत देसी डोजर का उपयोग कर रही हैं। पहले विदेशी डोजर पर निर्भरता थी। मेक इन इंडिया पहल के कारण यह संभव हुआ। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में...
धनबाद, विशेष संवाददाता पहले विदेशी डोजर के भरोसे देश की कोयला कंपनियां माइनिंग ऑपरेशन करती थीं। मेक इन इंडिया पहल के तहत अब स्थिति बदली है। कोयला कंपनियां 90 प्रतिशत देसी कंपनियों में बने डोजर का इस्तेमाल कर रही हैं। कोल इंडिया की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में कुल 928 डोजर हैं। इनमें 90 प्रतिशत देसी कंपनियों के हैं। मात्र दस प्रतिशत विदेशी डोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोल इंडिया की ओर से दी गई जानकारी में जिक्र है कि मेक इन इंडिया पहल के कारण यह संभव हुआ। मालूम हो कि डोजर माइनिंग ऑपरेशन में उपयोग में आनेवाली हेवी अर्थ मूविंग मशीन (एचईएमएम) हैं। यह एक खनन वाहन है, जो जंजीरों का उपयोग करता है और आगे की तरफ एक ब्लेड से सुसज्जित है। इस वाहन का उपयोग आमतौर पर खनन स्थलों पर खुदाई, खींचने और सामग्री को धकेलने के लिए किया जाता है। कोयला कंपनियां बड़े पैमाने पर डोजर का उपयोग करती हैं। मेक इन इंडिया की पहल अन्य एचईएमएम में भी है। वैसे वर्तमान में कई एचईएमएम ऐसी हैं, जो देश की कंपनियां नहीं बनाती हैं।
कोयला खनन में उपयोग होनेवाले प्रमुख यंत्र
डंप ट्रक : इस भारी उपकरण का उपयोग आमतौर पर बड़ी मात्रा में खनन सामग्री को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है और पारंपरिक रूप से इसका उपयोग रेत, पत्थर, बजरी या अन्य सामग्रियों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
भूमिगत रॉक ड्रिल वाहन : यह उपकरण एक अनूठा उपकरण है, जो भूमिगत खनन क्षेत्रों में किए जानेवाले निर्माण को सुविधाजनक बना सकता है। यह उपकरण एक अद्वितीय, शक्तिशाली इंजन के साथ जमीन में गहराई तक ड्रिल कर सकता है।
बकेट व्हील एक्सकेवेटर : यह भारी खनन उपकरण है, जो बड़े पैमाने पर उत्खनन के लिए लगातार चल सकता है। इस उपकरण के सहारे खनन में बजरी, चट्टानों, मिट्टी और अन्य सामग्रियों की जगह ले सकता है।
क्रेन : यह उपकरण बड़ी मात्रा में सामग्री को उठा सकता है और ले जा सकता है। इस उपकरण में बड़े भार को उठाने की क्षमता और आकार भी है। यह दस मीटर की सीमा तक 360 डिग्री तक घूम सकता है।
ड्रैगलाइन : इस उपकरण का उपयोग आमतौर पर मिट्टी खोदने और सामग्री लोड करने के लिए किया जाता है। 2.5 घन गज क्षमता वाले पावर शॉवेल को ड्रैगलाइन में बदला जा सकता है ।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।