आईआईटी में शिक्षकों का नेतृत्व कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू
आईआईटी के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने कहा कि प्रभावी नेतृत्वकर्ता बनने के लिए अनुकूलनशीलता महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों और सहकर्मियों के बीच फॉलोवर्स विकसित करने की सलाह दी। डीन एमके...
धनबाद, मुख्य संवाददाता। आईआईटी के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने कहा कि प्रभावी नेतृत्वकर्ता बनने के लिए अडाप्टेबिलिटी (अनुकूलनशीलता) सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों और साथी संकाय सदस्यों के बीच फॉलोवर्स विकसित करने तथा अपने हेड से कॉर्डिअल रिलेशंस डेवलप करने की सलाह दी। बहुत-सी चीजें फैकेल्टी मेंबर्स के ज्ञान या कौशल पर निर्भर करती हैं। उक्त बातें निदेशक ने सोमवार को आईआईटी में आयोजित नेतृत्व कौशल विकास के पांच दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारंभ पर कहीं। डीन एकेडमिक प्रो एमके सिंह ने कहा कि नेतृत्व शिक्षकों की मूल विशेषता है। अब उस नेतृत्व को आम जनता के बीच कक्षा से बाहर लाने की जरूरत है। उन्होंने बनारस हिंदू विवि के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन और कार्य पर प्रकाश डाला। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि भविष्य के नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को एक साथ आने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा। नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम की समन्वयक प्रो मृणालिनी पांडेय ने कहा कि यह कार्यक्रम आप में से प्रत्येक को अपनी क्षमता का पता लगाने और एक विजनरी, एम्पथेटिक और इफेक्टिव लीडर बनने में मदद करने के लिए बनाया गया है। मौके पर कश्मीर केंद्रीय विवि, केंद्रीय संस्कृत विवि, जामिया मिलिया विवि, बीबीएमकेयू, गुरुनानक कॉलेज आदि क्षेत्रों के संकाय सदस्य भाग ले रहे हैं।
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