आठ साल में भी नहीं बन सका कस्तूरबा उप डाकघर का भवन
गोविंदपुर में कस्तूरबा गांधी आश्रम उप डाकघर भवन के अभाव में परेशानियों का सामना कर रहा है। 8 साल बाद भी भवन नहीं बना, जिससे उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को कठिनाई हो रही है। केवल दो छोटे कमरों में डाकघर...
गोविंदपुर, प्रतिनिधि। कस्तूरबा गांधी आश्रम उप डाकघर को भवन के अभाव में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे उप डाकघर में परिणत हुए 8 वर्ष गुजर गए, फिर भी भवन नहीं बन सका। इससे डाक उपभोक्ताओं और डाककर्मियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है। जबकि इस डाकघर में कार्य का भार अधिक है। इसके लिए विभाग ने पर्याप्त कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है। मात्र दो छोटे कमरे के भरोसे यह डाकघर संचालित हो रहा है । डाक कर्मचारी के बैठने के लिए भी पर्याप्त कमरे नहीं है। बैठने के लिए फर्नीचर का भी अभाव है। लिहाजा उपभोक्ता खड़े-खड़े काम कराते हैं। उप डाकपाल स्वाति कुमारी समेत अन्य कर्मी इन्हीं सुविधाओं के अनुरूप ग्राहकों को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान कर रहे है। झारखंड कल्याण मंच के अध्यक्ष राजकुमार गिरि ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आश्रम डाकघर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी महावीर प्रसाद महतो के प्रयास से आजादी के पूर्व ही हुई थी। ग्रामीणों के प्रयास से इसे उप डाकघर का दर्जा मिला, परंतु भवन नहीं बन पाया है।
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