बोले धनबाद: स्ट्रीट लाइट लगाई जाए, जलसंकट भी दूर करें
गोविंदपुर प्रखंड के जियलगढ़ा पंचायत में 15000 की आबादी और 10000 वोटर हैं। यहाँ पेयजल, साफ-सफाई, और सड़क की समस्याएं हैं। पंचायत सचिवालय जर्जर है और अधिकारियों का ध्यान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि...
गोविंदपुर प्रखंड में कुल 39 पंचायत हैं। इसी में एक जियलगढ़ा पंचायत भी है। इस पंचायत में कुल छह राजस्व ग्राम हैं। इसमें शिमलाबेड़ा, तेतुलियाटांड़, सबलपुर, गोसाईडीह, कंगालो, जियलगढ़ा शामिल हैं। इस पंचायत की कुल आबादी कुल आबादी 15000 के आसपास है। इस पंचायत में दस हजार के करीब वोटर हैं। घनी आबादी होने के वावजूद पंचायत में कई समस्याएं हैं। पेयजल की कमी, साफ-सफाई तथा नाली का अभाव, टूटी व जर्जर सड़कें। सबसे अहम बात यह है कि इस पंचायत का पंचायत सचिवालय भवन ही जर्जर हो गया है। इसी भवन में मुखिया बैठतीं है। उपमुखिया, वार्ड सदस्य भी यही आते हैं। सभी सरकारी काम भी इसी पंचायत सचिवालय के माध्यम से होते हैं। हर जगह लिखा-पढ़ी के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो रही है। यह पंचायत धनबाद-गोविंदपुर मुख्य सड़क के किनारे ही स्थिति है। इसके बाद भी इस पंचायत का विकास सही तरीके से नहीं हो पाया है।
गोविंदपुर जियलगढ़ा पंचायत प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धनबाद-गोविंदपुर मुख्य सड़क से थोड़ी दूर पर ही यह पंचायत है। इसमें स्थित पांचों गांव भी मुख्य सड़क के आस-पास ही है। इस पंचायत के गावों में तेजी से आवासीय मकान बन रहे हैं। बाहर से आकर लोग यहां बस रहे हैं। आबादी भी लगातार सघन होते जा रही है। इसके बाद भी इस पंचायत का सही तरीके के विकास नहीं हो पाया है। यहां नागरिक सुविधाओं की कमी है। प्रशासन का ध्यान इस ढ़पंचायत पर नहीं है। यहां की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। ऐसा कहना है जियलगढ़ा पंचायत के लोगों का। हिन्दुस्तान के जियलगढ़ा पहुंचने पर वहां के लोगों ने बोले हिन्दुस्तान के लिए अपनी बातें रखीं।
ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत में पानी, सड़क, नाली की बड़ी समस्या है। साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। स्ट्रीट लाइट सहित अन्य सुविधाएं भी इस पंचायत में नहीं हैं। ग्रामीण कहते हैं कि पेयजल के लिए पाइपलाइन बिछाई गई है लेकिन अभी तक सभी घरों तक पानी नहीं पहुंच सका हैं। गर्मी आते ही पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। पंचायत में नौ सोलर पानी टंकी है। बोरिंग की कम गहराई के कारणपर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। ग्रामीण राजकिशोर गोप ने बताया कि सबलपुर, गोसाईडीह, कंगालों, कालाडीह, जियलगढ़ा गांव में लोग तेजी से बस रहे हैं। इसी पंचायत में झारखंड कॉलोनी, वास्तु विहार जैसी बसी-बसाई कॉलोनियां भी हैं। इसके बाद भी इस पंचायत पर प्रशासन का ध्यान नहीं है। मुखिया का कहना है कि आबादी के हिसाब से फंड नहीं मिलने के कारण सभी जगह विकास नहीं हो पा रहा है। यहां कुछ लोगों को अबुआ आवास मिल गया है। आधा से अधिक बाकी है। वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन व विधवा पेंशन जरूरतमंदों को मिलता है। यहां बोरिंग की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी की सही आपूर्ति नहीं हो पा रही है। स्ट्रीट लाइट नहीं है। सड़क जर्जर, नाली का निर्माण नहीं हुआ है। लाइट नहीं रहने के कारण लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। कई जगहों पर सड़क और नाली का निर्माण जरूरी है। मुखिया ने बताया कि तीन सालों से डीएमएफटी फंड से कई योजनाओं की स्वीकृति न्यास परिषद की बैठक में की गई है लेकिन अब तक योजनाएं धरातल पर नहीं उतरीं हैं।
आवागमन में परेशानी: ग्रामीण बताते है कि सड़क के जर्जर हो जाने से इस इलाके के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रहीं है। बरसात के दिनों में गड्ढों में पानी भर जाने से वाहन चालकों को दुर्घटना की हमेशा आशंका बनी रहती है। ग्रामीण बताते हैं कि सड़क पर सफर करना दिन- प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। सड़क के जीर्णोद्धार के लिए जिला प्रशासन से कई बार निवेदन किया गया है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमारी मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द सड़क मरम्मत करे।
बिजली पोल और तार की समस्या
ग्रामीणों ने कहा कि जिलयगढ़ा पंचायत के रामनगर कंगालो में रह रहे लोग बिजली की समस्या से परेशान है। उनके इलाके में ना पोल है, ना सही तरीके से ट्रांसफार्मर हैं। एक फेज आकाशगंगा कॉलोनी के तरफ से लाकर कॉलोनी में लगभग 50 से 60 उपभोक्ता को कनेक्शन दिया गया है। आए दिन फेज उड़ने अथवा लो वोल्टेज की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबलपुर बीच बस्ती में एक एडिशनल ट्रांसफार्मर एवं जर्जर तार को बदले की जरूरत है। झारखंड कॉलोनी के कई पोलो से करेंट पास नहीं होता है। एक ही पोल से कई घरों का कनेक्शन किया गया है जिससे वहां पर तार का जाल बना हुआ है। बिजली विभाग के कर्मचारी न तो मीटर रीडिंग के लिए आते हैं और ना ही पोल और तार की व्यवस्था को देखते हैं ।
मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़ी है सोलर जलमीनार
वर्ष 2022 - 23 में कंगालो में 8 सोलर टंकियों का निर्माण किया गया था। जिसमें एक टंकी से 50-60 घर कर कनेक्शन किया गया था। टंकी के वाटर सोर्स का एकमात्र साधन एकमात्र बोरवेल है। ज्यादा गहराई नहीं होने के कारण पानी की पूर्ति नहीं हो पाती है। यहां गहराई वाले बोरिंग की आवश्यकता है। पंचायतों के कई सोलर जल मीनार रखरखाव एवं मेंटेनेंस के अभाव में खराब हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानी हो रही है।
सुझाव
1. जेलगोरा पंचायत में नौ जलमीनार हैं। उसमें गहरी बोरिंग कराया जाए। तभी पानी की समस्या से छूटकारा मिलेगी।
2. जगह-जगह स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। तभी क्षेत्र से अंधेरा दूर होगी। रात में सांप-बिछू से खतरा कम होगा।
3. बिजली पोल व तार बदले जाएं। क्षेत्र में केबल व बॉक्स लगाए जाएं। तभी बरसात में परेशानी नहीं होगी।
4. अबुआ आवास, वृद्धा पेंशन व दिव्यांग पेंशन जैसी सुविधा मिलनी चाहिए । आधा लोगों को इसका लाभ मिला है, आधा बाकी हैं।
5. जियलगढ़ा पंचायत उपस्वास्थ्य केंद्र बनना अति आवश्यक है। बीमार पड़ने पर गोविंदपुर व एसएनएमएमसीएच जाना पड़ता है।
शिकायतें
1. जियलगढ़ा पंचायत में पानी की समस्या गंभीर समस्या है। सोलर टंकी से जनसंख्या के हिसाब से से पानी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
2. स्ट्रीट लाइट नहीं है। जिसके कारण रात में पूरे क्षेत्र के सड़क पर अंधेरा छाया रहता है।
3. बिजली पोल जर्जर हो गई हैं। बिजली तार की स्थिति ठीक नहीं है। बरसात में तार टूट कर गिर जाता है।
4. जियलगढ़ा पंचायत अंतर्गत कई गांवों में नाली का निर्माण नहीं हुआ है। जिसके कारण सड़क पर पानी बहता है।
5. जियलगढ़ा पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। बहुत सारे गरीब लोग निवास करते है। इलाज के पैसे नहीं है।
मुखिया फंड से सड़क और नाली का निर्माण करवाया है। अपनी पंचायत के सभी स्कूलों के रसोई घर एवं शौचालय में जल मीनार लगाई गई है। वहां पानी की सही व्यवस्था है। डीएमएफटी फंड से दो स्कूलों की बाउंड्री वॉल करायी गयी है और दो स्कूल की बाउंड्री वॉल होनी है। आरयू से रोडो का निर्माण कराया गया। कालाडीह जोरिया पुल का निर्माण कराया गया है। वर्तमान में लगभग 8 से 10 डीएमएफटी में योजना स्वीकृत हो चुकी है जो विकास के लिए अति आवश्यक है। समय के साथ विकास योजनाएं पूरी हो जाएंगी। -रेशम कुमारी, मुखिया जियलगढ़ा ग्राम पंचायत
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