मेडिकल कॉलेज का एमबीबीएस छात्र एचआईवी संक्रमित
धनबाद मेडिकल कॉलेज का एक एमबीबीएस छात्र एचआईवी संक्रमित पाया गया है। उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संपर्क में आए 20 छात्रों को चिह्नित कर एचआईवी से बचाव के लिए दवा दी जा रही है। छात्र का इलाज बाहर...
धनबाद, अमित रंजन। धनबाद मेडिकल कॉलेज का एमबीबीएस छात्र एचआईवी संक्रमित पाया गया है। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। रिपोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी है। फिलहाल, छात्र के संपर्क में रहने वाले सभी छात्रों को चिह्नित कर एचआईवी से बचाव के लिए दवा खिलाई जा रही है। जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के एक छात्र की कुछ दिन पूर्व गंभीर रूप से तबीयत खराब हो गई। उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया। इस दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी एचआईवी जांच हुई। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन सकते में आ गया। संक्रमित छात्र के संपर्क में आने वाले सभी छात्रों को चिह्नित किया गया। इनकी संख्या 20 के आसपास है। सभी की एचआई जांच कराई गई। हालांकि इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। बावजूद सभी चिह्नित छात्रों को एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पेप) डोज दी जा रही है। इन छात्रों को लगातार 28 दिनों तक यह दवा खानी होगी। पेप डोज संक्रमित के संपर्क में आने के 72 घंटे के अंदर शुरू की जाती है, ताकि संक्रमण से उनका बचाव हो सके। 90 दिन बाद दोबारा इन छात्रों की एचआईवी जांच होगी।
डॉक्टरों की मानें तो संक्रमित एमबीबीएस छात्र फिलहाल धनबाद से बाहर है। किसी बड़े अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। एआरटी सेंटर से भी छात्र की दवा चालू की जाएगी, ताकि एचआईवी संक्रमण का असर उसके शरीर पर कम से कम पड़े।
संबंधित अस्पताल को दी गई सूचना: छात्र के संक्रमित होने की सूचना उस अस्पताल को दी गई है, जहां छात्र का इलाज किया जा रहा है, ताकि चिकित्सक और चिकित्सीय कर्मी एचआईवी प्रोटोकॉल का पालन कर मरीज के इलाज में सावधानी बरतें।
स्थिति में सुधार के बाद होगी काउंसिलिंग: अधिकारियों का यह भी कहना है कि संक्रमित छात्र की काउंसिलिंग की जाएगी। इसमें यह पता चल पाएगा कि वह संक्रमित कैसे हुआ। फिलहाल छात्र बीमार है और उसका इलाज बाहर चल रहा है। उसके ठीक होने के बाद काउंसिलिंग की जाएगी। तभी पता चल पाएगा कि छात्र कैंपस में रहते हुए संक्रमित हुआ या पहले से संक्रमित था। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि छात्र ब्लड से जुड़ी एक गंभीर बीमारी से भी पीड़ित है। इस कारण उसे अक्सर खून चढ़ाना पड़ता है। छात्र के एचआईवी संक्रमित होने का यह कारण हो सकता है।
एडमिशन के समय जांच का प्रावधान नहीं : मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मानें तो एमबीबीएस में नामांकन के दौरान छात्रों का मेडिकल फिटनेस कराया जाता है, जिसमें एचआईवी जांच का प्रावधान नहीं है। एचआईवी जांच जरूरत पर आधारित जांच है, इसलिए एडमिशन के दौरान वह नहीं कराया जाता है।
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