कुम्भ की भीड़ के कारण रेलवे को 10 दिनों में 200 करोड़ का नुकसान
धनबाद डिविजन ने पिछले 10 दिनों में विशेष ट्रेनों के दबाव के कारण 200 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान उठाया है। नियमित ट्रेनों को रद्द करने से मालगाड़ियों की गति भी धीमी हो गई है। टिकटों के रिफंड के कारण...

धनबाद, रविकांत झा कुम्भ मेला स्पेशल का दबाव पटरी पर बढ़ा तो नियमित ट्रेनें तो रद्द हुईं ही, साथ ही कमाई की पटरी पर फर्राटा भर रही मालगाड़ियों की गति पर भी ब्रेक लग गया। पिछले 10 दिनों में सिर्फ धनबाद डिवीजन को ढुलाई से होने वाली आय में करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा। हर दिन औसतन 85 करोड़ रुपए राजस्व हासिल करने वाले धनबाद डिविजन को प्रतिदिन 20-25 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान उठाना पड़ा।
नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद पूरे देश से रेलवे ने प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी। नियमित ट्रेनों में पूर्व से रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को दिक्कत न हो, इसलिए रेलवे ने धनबाद होकर प्रयागराज जाने वाली 15 प्रमुख नियमित ट्रेनों को भी रद्द कर दिया। लगातार प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। स्पेशल ट्रेनों का दबाव रेलवे ट्रैक पर बढ़ा तो मालगाड़ी की गति धीमी हो गईं। इन 10 दिनों में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने मालगाड़ी की जगह मेल-एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों को तवज्जो दी।
धनबाद डिविजन में हर दिन करीब 150 रेक (मालगाड़ी) की लोडिंग होती है, लेकिन पिछले 10-11 दिनों से लोडिंग में 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। खाली मालगाड़ियां पावर हाउसों से वापस लौट ही नहीं पा रही हैं। हर दिन 150 रेक की जगह 120 से 125 रेक ही ढुलाई हो पा रही है। फरवरी माह लोडिंग और ढुलाई के लिए काफी महत्वपूर्ण महीना माना जाता है।
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फरवरी में बिलासपुर से पिछड़ा धनबाद डिवीजन
पिछले कई महीनों से धनबाद डिविजन पूरे देश में लोडिंग में शीर्ष पर बरकरार है, लेकिन फरवरी महीने में लोडिंग प्रभावित रहने के कारण धनबाद डिवीजन मामूली अंतर से बिलासपुर रेल मंडल से पिछड़ गया है। हालांकि धनबाद डिवीजन ने पूरे साल में बिलासपुर से करीब चार मिलियन टन की बढ़त बना रखी है। बहरहाल विशेषज्ञों का मानना है कि 31 मार्च तक धनबाद डिविजन ही भारतीय रेलवे में शीर्ष पर रहेगा।
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औसतन सवा दो लाख रुपए का टिकट हो रहा रिफंड
लोडिंग से होने वाली आय में नुकसान उठाने वाले धनबाद डिवीजन को रिजर्वेशन टिकटों के कैंसिलेशन के रूप में भी जबर्दस्त नुकसान हुआ है। धनबाद स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर पिछले 10 दिनों से हर दिन औसतन दो से सवा दो लाख रुपए का टिकट रिफंड हुआ। ऑनलाइन टिकट वासपी का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है। ट्रेनें रद्द होने या ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ होने के कारण यात्रियों ने अपनी यात्रा टाल दी। अनारक्षित टिकट की बिक्री में भी भारी कमी दर्ज की गई है। एक मार्च से लोडिंग के साथ-साथ यात्रियों से होने वाले आय पूर्ववत होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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