अनुभव प्रमाण पत्र के लिए छात्रों से वसूले एक-एक हजार रुपए
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पारामेडिकल छात्रों से अनुभव प्रमाण पत्र के लिए एक-एक हजार रुपए की वसूली की गई। 41 छात्रों में से 28 ने पैसे दिए, जिसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र मिले। छात्रों ने सिविल...

धनबाद, प्रमुख संवाददाता लगातार कार्रवाइयों के बाद भी सिविल सर्जन कार्यालय में धन उगाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक साल के बांड पर सेवा देने वाले पारामेडिकल छात्रों के अनुभव प्रमाण पत्र का है। इसके लिए प्रति छात्र एक-एक हजार रुपए की वसूली की गई है। कुल 41 छात्रों में 28 ने पैसे का भुगतान भी किया। तब जाकर उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र दिया गया। इसको लेकर छात्रों में आक्रोश है। वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन अनभिज्ञता जता रहे हैं।
बता दें कि धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित राजकीय पारा मेडिकल संस्थान में पढ़ाई खत्म करनेवाले छात्रों को एक साल के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बांड पर सेवा देनी पड़ती है। सरकार के निर्देशानुसार इसका स्टाइपेंड भुगतान सिविल सर्जन कार्यालय से होता है। सिविल सर्जन कार्यालय से ही उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाता है, जो भविष्य में उनकी नौकरी में सहायक होता है। छात्रों का आरोप है कि इस अनुभव प्रमाण पत्र के एवज में उनसे एक-एक हजार रुपए की मांग की जा रही थी। 41 में 28 छात्रों ने इसका भुगतान भी किया। बाकी 13 छात्रों ने पैसे देने से मना कर दिया। इसको लेकर विवाद होने लगा। तब जाकर सभी का अनुभव प्रमाण पत्र बनाया गया।
ऑनलाइन लिए गए पैसे
छात्रों का आरोप है कि सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारियों की मांग पर पारा मेडिकल छात्रों ने आपस में पैसे जमा किए। व्हाट्सएप ग्रुप पर एक छात्र ने अपने यूपीआई का क्यूआर कोड जारी किया। इसी पर प्रति छात्र 1010 रुपए का ऑनलाइन पेमेंट मंगाया गया। बताया कि एक हजार रुपए सिविल सर्जन कार्यालय में देना है और 10 रुपए अनुभव प्रमाण पत्र के कलर प्रिंटिंग का लगेगा। 28 छात्रों ने इसपर पैसे भी जमा किए। बाकी ने पैसे देने से मना करते हुए हंगामा कर दिया।
मामला बढ़ने पर लिया कैश
ऑनलाइन पेमेंट का मामला बढ़ने पर क्यूआर कोड पर पैसे मंगाने वाले छात्र ने 28 में से 18 के पैसे ऑनलाइन वापस किए। इसके बाद ये पैसे कैश लिए गए। इसके बाद छात्रों का अनुभव प्रमाण पत्र जारी हुआ।
सिविल सर्जन से की शिकायत
छात्रों का यह भी कहना है कि इस मामले में उनके द्वारा सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन से शिकायत भी की थी। उन्होंने फाइल डील करने वाले लिपिक दयानंद से मिलने को कहा था। दयानंद से भी संपर्क किया गया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 28 छात्रों से पैसे लिए गए। तब तक विवाद बढ़ गया और बाकी बचे छात्रों को पैसे नहीं देने पड़े।
पारा मेडिकल छात्र अनुभव प्रमाण पत्र के लिए आए थे। लिपिक दयानंद को आवश्यक निर्देश दिया गया था। उसके बाद छात्रों ने कोई शिकायत नहीं की। सभी का अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। बावजूद यदि किसी ने पैसे लिए हैं तो छात्र शिकायत करें, कार्रवाई होगी।
- डॉ चंद्रभानु प्रतापन, सिविल सर्जन धनबाद
अनुभव प्रमाण पत्र के एवज में पैसे लिए जाने की बात गलत है। सभी छात्रों का प्रमाण पत्र बन चुका है। कुछ ले गए हैं। कुछ का अभी भी कार्यालय में है।
- दयानंद, लिपिक, सिविल सर्जन कार्यालय
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