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बोले धनबाद: उजाड़ने से पहले बसाने की व्यवस्था करें

धनबाद के मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के शुरू होते ही वासेपुर गुलजारबाग के 218 परिवारों को अपने घरों से बेदखली का डर सता रहा है। प्रशासन ने उन्हें झोपड़ियां हटाने के लिए केवल सात दिनों...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 12 May 2025 07:07 PM
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बोले धनबाद: उजाड़ने से पहले बसाने की व्यवस्था करें

मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू होते ही धनबाद के लोगों में एक तरफ खुशी की लहर है, वहीं दूसरी तरफ वासेपुर गुलजारबाग के 218 परिवारों को अपना आशियाना उजड़ने की डर सता रहा है। मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का काम शुरू होते ही अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। 7 मई को वासेपुर गुलजारबाग के 218 परिवारों को नोटिस देकर उन्हें एक सप्ताह में झोपड़ियां हटाने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद से गुलजारबाग में हड़कंप मच गया है। गुलजारबाग के रहनेवाले लोगों में अब भय का माहौल है। लोगों ने कहा कि हमलोग पांच दशक से यहां रह रहे हैं।

अचानक से सात दिनों में आवास खाली करने का नोटिस चिपका दिया गया। लोगों ने कहा कि उजाड़ने के पहले हमलोगों को कहीं बसाने की व्यवस्था करें प्रशासन। सात दिनों की मोहलत देने का कोई औचित्य नहीं है। इतने कम दिनों में हम को दूसरा ठिकाना कैसे ढूंढ़ेंगे। प्रशासन इस पर विचार करे। लंबे समय से धनबादवासी मटकुरिया से बिनोद बिहारी चौक तक फ्लाईओवर की मांग कर रहे थे। माग अब पूरी होने वाली है। यह धनबाद से लिए अच्छी खबर है। मटकुरिया-आरा मोड़ फ्लाईओवर का काम शुरू हो चुका है। फ्लाईओवर बन जाने से धनबादवासियों को जाम से निजात मिलेगी। यहां रेलवे ट्रैक के नीचे अंडरपास भी बनेगा, जो वासेपुर लाला टोला होते हुए आरा मोड़ तक निकलेगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी लेकिन गुलजारबाग में करीब 300 घर हैं, जिसमें 218 को आवास खाली करने का नोटिस मिला है। वह भी सात दिनों में, यह सही नहीं है। विकास के काम में हम बाधा नहीं उत्पन्न कर रहे हैं। हमारी मांग है कि पहले हमारे पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, फिर हमें यहां से विस्थापित किया जाए। पूर्व में कुछ ऐसी ही बात प्रशासन की ओर से कही गई थी। प्रशासन इस पर विचार करे। 218 परिवार जाएं तो जाएं कहां। उक्त बातें वासेपुर गुलजारबाग के लोगों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से कही। हिन्दुस्तान अखबार की बोले धनबाद की टीम रविवार को संवाद के लिए वासेपुर गुलजारबाग गई थी। वहां के लोगों ने अपनी परेशानियों को हिन्दुस्तान से बताया। इससे निजात दिलाने के लिए सहायता की अपील की। वहां रहनेवाले लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र की 1500 से अधिक की आबादी है। फ्लाईओवर और अंडरपास निर्माण को लेकर अंचल अधिकारी धनबाद की ओर से 7 मई को वासेपुर गुलजारबाग के 218 परिवारों को नोटिस दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। यहां फ्लाईओवर बनना है। सात दिनों के अंदर आवास खाली करने को कहा गया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अंचल अधिकारी के नोटिस के बाद गुलजारबाग में हड़कंप मच गया है। चार से पांच दशक से हम लोग पुश्त-दर पुश्त रहते आ रहे हैं। अचानक से सात दिनों में आवास खाली करने का नोटिस चिपका दिया गया। विस्थापित करने के बदले किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। हमलोगों को दूसरी जगह बसाने की योजना बनाई गई थी। इस पर अभी तक अमल नहीं किया गया। महिलाओं ने कहा कि गुलजारबाग निगम निगम क्षेत्र के वार्ड में 14 में बसा हैं। यहां सभी गरीब-गुरबा लोग निवास करते है। 50 वर्षों से रहते आ रहे हैं। ये सभी मजूदरी या फिर घरों में काम करने वाली महिलाएं हैं। दूसरे के घर पर बर्तन मांजने, ठेला चलाने एवं घरों में काम करने वाले हैं। सात मई को अचानक उन्हें हटाने का फरमान जारी कर दिया गया। आखिर वे लोग कहां जाएंगे। महिलाओं ने कहा कि धनबाद सीओ की ओर से सात दिनों के अंदर झोपड़ीनुमा घरों को खाली करने का नोटिस चिपका दिया गया है। ऐसे में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए कहां जाएंगे। झोपड़ियों में रहनेवाले कई विकलांग, वृद्धि व छोटे बच्चे भी हैं। महिलाओं ने कहा कि नगर निगम व जिला प्रशासन गुलजारबाग के लोगों को पहले पुनर्वास करें, फिर उजाड़ने का काम शुरू करें। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन बेलगड़िया टाउनशिप में भी वैकल्पिक व्यवस्था कर दें तो यहां के लोग जाने को तैयार हैं। महिलाओं ने कहा कि प्रशासन व सरकार हमें धनबाद में कहीं भी स्थायी रूप से बसाने की पहले व्यवस्था करे, फिर हमारे घरों को तोड़े। इस समय में हमलोग कहां जाएंगे। हमलोग सब गरीब हैं। मेहनत-मजदूरी कर घर-परिवार चलाते हैं। किराये का घर भी नहीं ले सकते हैं। सुझाव 1. पहले पुनर्वास की व्यवस्था नगर निगम व जिला प्रशासन करे, तब उजाड़ने की सोचे 2. यहां तीन-चार पीढ़ियां गुजर गईं। हमलोगों को बसाने की व्यवस्था की जाए। 3. मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए नगर निगम व जिला प्रशासन को लोगों के बारे में सोचना चाहिए। 4. स्थायी रूप से बसाने और रोजगार की व्यवस्था करें, तब खाली कराएं 5. जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होता, तब तक घरों में बिजली दी जाए शिकायतें 1. अचानक सात दिनों के अंदर आवास खाली करने का नोटिस थमा देना ठीक नहीं है। 2. गुलजारबाग में 15 सौ से अधिक लोग रह रहे, अचानक इतने लोग कहां जाएंगे 3. नोटिस देने के साथ ही बिजली काट दी गई है। यह ठीक नहीं है। 4. प्रशासन ने पहले बसाने फिर हटाने का किया था वादा। इस पर अमल नहीं हो रहा 5. नगर निगम व जिला प्रशासन गरीबों की समस्या नहीं सुन रहा है।

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