उत्पादन से 25 मिलियन टन ज्यादा कोयला डिस्पैच का लक्ष्य
धनबाद में कोल इंडिया ने 2025-26 तक कोयला उत्पादन में 25 मिलियन टन की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। पुराने कोयले का डिस्पैच अगले तीन महीने में तेजी से किया जाएगा, जिससे पावर प्लांटों में स्टॉक बढ़ेगा। चालू...

धनबाद, विशेष संवाददाता । कोल इंडिया ने 2025-26 में कोयला उत्पादन से 25 मिलियन टन ज्यादा कोयला डिस्पैच का टार्गेट सेट किया है। कोयले के पुराने स्टॉक का अगले तीन माह में तेजी से डिस्पैच किया जाएगा। इससे पावर प्लांटों के पास बरसात के पहले सकोयले का स्टॉक भी बढ़ेगा और और कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों का डिस्पैच ग्राफ भी उपर जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंउिया ने 875 मिलियन टन उत्पादन और 900 मिलियन टन डिस्पैच का लक्ष्य रखा है। बीते वित्तीय वर्ष में 763.06 मिलियन टन डिस्पैच किया था। गर्मी में पुराने कोयला स्टॉक को डिस्पैच पर ज्यादा जोर रहेगा। स्टॉक में ज्यादा कोयला रहने पर गर्मी में आग लगने क खतरा रहता है। बीते वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया की कई सहायक कंपनियां उत्पादन और डिस्पैच के मोर्चे पर पिछड़ी। इन कंपनियों को चालू वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही में बेहतर उत्पादन एवं डिस्पैच का टास्क मिला है। पिछले साल के मुकाबले बीसीसीएल एवं एसईसीएल जैसी कंपनियों का प्रदर्शन खराब रहा। वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बीसीसीएल को 2025-26 के लिए 46 मिलियन टन का लक्ष्य दिया गया है। यानी 60 लाख टन (छह मिलियन टन) ज्यादा उत्पादन करना है। बीसीसीएल पर कोयला मंत्रालय की भी नजर है। मालूम हो कुल कोकिंग कोल उत्पादन का 60 प्रतिशत से अधिक बीसीसीएल से होता है। बीते वित्तीय वर्ष में बीसीसीएल का कुल कोयला उत्पादन 40.50 मिलियन टन था। इनमें कोकिंग कोल का उत्पादन 38.89 मिलियन टन रहा।
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