बीसीसीएल के कोल शॉर्टेज मामले में सीबीआई कोर्ट में गवाही
धनबाद में बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र की कुईंया उत्खनन परियोजना में लाखों मीट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई हुई। सीबीआई ने सुभाष चंद्र मित्रा की गवाही कराई, जो समयाभाव के कारण पूरी नहीं हो सकी।...
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धनबाद, प्रतिनिधि बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र की कुईंया उत्खनन परियोजना में हुए लाखों मीट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक के कोर्ट में हुई।
अभियोजन की ओर से सीबीआई ने सुभाष चंद्र मित्रा की गवाही कराई। समयाभाव के कारण उनकी गवाही पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने सीबीआई को गवाह पेश करने लिए 21 फरवरी की तारीख निर्धारित की। सुनवाई के दौरान बस्ताकोला क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक आरयू पांडेय, पूर्व वरीय सर्वे ऑफिसर अरविंद घोष, पूर्व एरिया सर्वे ऑफिसर सरिता सुधा सरकार, केओसीपी के पूर्व परियोजना पदाधिकारी शंभू दयाल धुर्वा व प्रबंधक किशोर यादव उपस्थित थे।
सीबीआई व विजिलेंस की संयुक्त टीम ने कुईंया उत्खनन परियोजना के कोयले का बुक स्टॉक की जांच की थी। जांच के दौरान वर्ष 2009 से 2011 की अवधि में कुईंया उत्खनन परियोजना में चार लाख 24 हजार 689 मीट्रिक टन कोल शॉर्टेज था, जिससे बीसीसीएल को 46 करोड़ 39 लाख 76 हजार 979 रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ था। आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति कोल इंडिया के पूर्व चेयरमैन एस नर्सिंग राव ने दी थी। कोर्ट ने छह मई 2016 को उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित कर सुनवाई शुरू की थी।
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