बीसीसीएल में अब थ्री डी सरफेस स्कैनर्स का उपयोग
बीसीसीएल में अब 3 डी टेरेस्ट्रियल स्कैनर्स का उपयोग शुरू किया गया है। मैपिंग, डिजाइन, इन्वेंट्री, निगरानी के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन में डेटा संग्रह की क्षमता उक्त स्कैनर से संभव...
बीसीसीएल में अब 3 डी टेरेस्ट्रियल स्कैनर्स का उपयोग शुरू किया गया है। मैपिंग, डिजाइन, इन्वेंट्री, निगरानी के लिए उच्च रिज़ॉल्यूशन में डेटा संग्रह की क्षमता उक्त स्कैनर से संभव है। कोयला-ओबी तथा भूमिगत आग प्रभावित खनन क्षेत्र में भी उक्त स्कैनर के जरिए सतही (सरफेस) डेटा संग्रह संभव है।
टेरेस्ट्रेयल यानी स्थलीय 3 डी लेजर स्कैनर खनन क्षेत्र के लिए बहुपयोगी है। उक्त मशीन की उपयोगिता के बारे में जब बीसीसीएल के एचओडी सर्वे एसपी बोस से बात की तो उन्होंने कहा कि मैनुअल आंकड़े की जगह लेजर स्कैनर के जरिए असंख्य आंकड़े एकत्रित किए जा सकते हैं। इससे बेहतर प्लानिंग की जा सकती है और बेहतर माइनिंग होगी। फिलहाल दो स्कैनर बीसीसीएल में इसी साल मंगाया गया है और इसका उपयोग किया जा रहा है।
ओबी डंप आदि में भी यह स्कैनर उपयोगी है। कितना कोयला-ओबी आदि है, इसकी जानकारी संभव है। राजमहल में ओबी ढहने से हुए हादसे को रोकने में उक्त स्कैनर की उपयोगिता है। मालूम हो बीसीसीएल में भी ओबी के बड़े-बड़े पहाड़ हैं। स्कैनर इनकी मापी करने में भी सक्षम है।
पारिस्थितिक पर्यावरण के पुनर्निर्माण के लिए मूलभूत डेटा प्रदान कर सकते हैं। जीपीएस/टीएलएस संयुक्त निगरानी तकनीक भी है, जो जीपीएस और टीएलएस दोनों के फायदे हैं। खनन क्षेत्र में इससे मिलनेवाले आंकड़ों पर विश्लेषण के अनुसार निष्कर्ष निकालते हैं कि किस प्रौद्योगिकी का उपयोग संभव है।
एसईसीएल जैसी अन्य कंपनियों में उक्त मशीन का उपयोग दो-तीन साल पहले से किया जा रहा है। बीसीसीएल में इसका उपयोग अब शुरू हुआ है।
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