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बोले धनबाद: छात्र संघ का चुनाव जल्द से जल्द कराए विश्वविद्यालय

बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव 8 वर्षों से नहीं हुए हैं, जिससे छात्रों को अपनी समस्याओं का समाधान नहीं मिल रहा है। विश्वविद्यालय में आधारभूत सुविधाओं की कमी है, जैसे कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादWed, 19 Feb 2025 02:18 AM
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बोले धनबाद: छात्र संघ का चुनाव जल्द से जल्द कराए विश्वविद्यालय

बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में 13 अंगीभूत, 31 संबंद्ध (एफिलिएटेड), एल अल्पसंख्यक, दो लॉ कॉलेज हैं। सभी कॉलेज धनबाद और बोकारो जिलों में फैले हुए हैं। विश्वविद्यालय में 21 स्नातकोत्तर विभागों के साथ स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी संचालित होते हैं। जिसमें प्रबंधन, शिक्षा, जनसंचार, कला और संस्कृति, कानून, विदेशी भाषा, जीवन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान और आपदा प्रबंधन विभाग शामिल हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना 13 नवंबर 2017 को की गयी थी। अलग झारखंड़ निर्माण की लड़ाई के पुरोधा बिनोद बिहारी महतो के नाम पर इसकी स्थापना की गई है। बिनोद बिहारी महतो कोलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में आठ वर्षों से छात्र संघ का चुनाव नहीं हुआ है। इस कारण छात्र संघ सक्रिय नहीं है। विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों भी छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं। विडंवना देखिए कि छात्रों से विश्वविद्यालय हर सेमेस्टर 30 रुपए की दर से छात्र के नाम पर ले रहा है। हमारी एक नहीं सुनी जाती। हम कहते हैं कि चुनाव नहीं तो फिर छात्र संघ की फीस क्यू? कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता। मजबूरन हमें राशि चुकानी पड़ती है। ऐसा कहना है बीबीएमकेयू के छात्रों का। सोमवार को हिन्दुस्तान अखबार की ओर से विश्वविद्याय परिसर में हिन्दुस्तान संवाद में छात्रों ने बताया कि में छात्र संघ के प्रतिनिधि नहीं होने के कारण विद्यार्थी अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। विश्वविद्यालय के पदाधिकारी की ओर से भी चुनाव को लेकर सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। लिहाजा छात्र संघ चुनाव ठंडे बस्ते में है। छात्रों ने बताया वर्ष 2018 में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके लिए मतदाता सूची तैयार की गई थी। विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को भी आदेश दिया गया था कि मतदाता सूची तैयार कर यथाशीघ्र विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजें। इसके बाद भी छात्र संघ चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई। विद्यार्थी छोटी-छोटी समस्या को लेकर विश्वविद्यालय तक जा तो रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाता है।

छात्रों ने बताया कि हैंडोवर लिए हुए 3 साल पूरा हो गया। इसके बाद मेंटेनेंस के अभाव में कई चीजें खराब हो गई है। एकेडमिक ब्लॉक का मुख्य दरवाजा टूटा हुआ है । कई फ्लोर के इनवर्टर खराब हैं, जिनका कोई रखरखाव नहीं है। लाइट कटने के बाद बिजली गुल हो गई तो फिर लाइट आने का इंतजार करते रहिए। विश्वविद्यालय में सोलर पैनल लगाया गया था। लेकिन कहीं पर भी सोलर पैनल काम नहीं कर रहा है। एकेडमिक ब्लॉक में किसी भी फ्लोर पर नियमित साफ- सफाई नहीं होती है। लगभग सभी फ्लोर पर गंदगी और धूल की एक मोटी परत बिछी हुई है। किसी भी वाशरूम की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। आरो लगाए गए हैं वह भी रखरखाव के अभाव में नियमित काम नहीं करता। लिफ्ट की जो सुविधा छात्रों को दी गई है वह भी बहुत ही दयनीय स्थिति में है। एक को छोड़कर सभी लिफ्ट लगभग बंद हैं। एक ही लिफ्ट के सहारे छात्रों को ऊपर-नीचे आना-जाना करना पड़ता है। लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करके पीजी विभाग के क्लास रूम में स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं। कोई भी स्मार्ट बोर्ड सही तरीके से काम नहीं करता है।

लाइब्रेरी, लेबोरेट्री और कंप्यूटर लैब नहीं है

बीबीएमकेयू की स्थापना के आठ वर्ष बाद भी विश्वविद्यालय में आज तक लाइब्रेरी शुरू नहीं हो सही है। सबसे बड़ी बात यह है कि, विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन ही नहीं है। लाइब्रेरियन के अभाव में विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी की शुरुआत एवं संचालन कैसे हो सकेगा, इस पर किसी का ध्यान नहीं है। पीजी डिपार्टमेंट में बिना प्रैक्टिकल के ही अधिकतर साइंस के विषयों की पढ़ाई हो रही है। लेबोरेटरी के लिए भवन तो बन कर तैयार है लेकिन जरूरी संसाधन यहां मौजूद नहीं है। महज नाम की लेबोरेटरी है। प्रैक्टिकल के लिए एडमिशन व री-एडमिशन के समय प्रैक्टिकल का शुल्क जोड़ा जाता है। कंप्यूटर लैब जैसी कोई सुविधा भी नहीं है। यहां बीबीए तथा बीएसी आईटी जैसे प्रोफेशनल कोर्स है, जो कंप्यूटर आधारित है। कंप्यूटर नहीं होने के कारण छात्र केवल किताब ही भाषा में पढ़ाई करके हैं। छात्र अपना-अपना कंप्यूटर लेकर आते हैं।

कॉलेजों में भी नहीं हुआ छात्रसंघ का चुनाव

बीबीएमकेयू से जुड़े कॉलेजों में भी 8 साल से छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए हुआ हैं। जिले में 13 अंगीभूत कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में पहली बार 2016-2017 में छात्रसंघ का चुनाव हुआ था। उसके बाद से इन कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव बंद है। कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन,विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कॉलेज प्रशासन को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव नहीं कराया जा रहा है। विद्यार्थियों का कहना है कि चुनाव नहीं होने से वह अपनी समस्या को नहीं रख पाते हैं। समस्याओं का समाधान होता। शैक्षणिक, प्रशासनिक आदि गतिविधि पर उनकी नजर रहती। छात्र-शिक्षक के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए प्रतिनिधि कड़ी का काम करते और महाविद्यालय में सुविधाएं आसानी से मुहैया हो जाती है।

स्मार्ट बोर्ड नहीं करता काम

छात्रों ने बताया कि पीजी ब्लॉक के सभी क्लासों रूम में लाखों रुपए खर्च करके स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं। कोई भी स्मार्ट बोर्ड सही तरीके से कार्य नहीं करता है। बोर्ड में एंड्राइड सिस्टम है। सहीं तरीके से वर्क नहीं करता है। हैंगिंग प्रॉब्लम सभी स्मार्ट बोर्ड में है।

टकराती है परीक्षा की तिथियां

बीबीएमकेयू में सबसे ज्यादा समस्या परीक्षा विभाग से है। सेमेस्टर की परीक्षा की तिथि के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकारों की परीक्षा तिथियां अक्सर टकराती हैं। ऐसे में परेशानी होती है। समेस्टर परीक्षा को कैंसिल करने की अनुरोध करना पड़ता है। सेमेस्टर परीक्षा में प्रश्न के कारण भी परेशानी होती है। कई बार परीक्षा रद्द करनी पड़ती हैं। इससे सत्र विलंब हो जाता है। इसमें छात्रो को डिग्री टाइम पर नहीं मिलती। इससे पढ़ाई के लिए कम समय मिल रहे हैं।

छात्रों को नहीं मिलता कैंटीन में गर्म खाना

छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के कैंटीन में गर्म खाना नहीं मिलता है। यहां खाने की सामग्रियां भी बाजार से महंगी होती हैं। आलम यह है कि एक समोसा जो कि पूरे धनबाद शहर में 6 से 7 रुपए मिल है, लेकिन वहीं समोसा यहां पर 10 रुपए मिल रहा है। संचालकों के लिए महज कमाई का साधन है, छात्रों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं है।

सुझाव

1. हर साल दीक्षांत समारोह होना चाहिए, ताकि छात्रों को सही समय पर डिग्री मिले और डिग्री के का किसी छात्रों को नौकरी से वंचित न होना पड़े।

2. मैनपावर की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, ताकि छात्रों से संबंधित ऑफिसियल कार्य ससमय हो सके। छात्रों को बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाना न पड़े।

3. एनईपी कोर्स के लिए विषयों में शिक्षकों की घोर कमी है। बहाली अति आवश्यक है। प्रयोगशाला का विस्तार करने के लिए नये-नये उपकरण की जरूरत है, ताकि छात्र कौशल बन सकें।

4. विश्वविद्यालय कैंपस में किसी बैंक की ब्रांच खोलने साथ ही छात्र सुविधा केंद्र जल्द खोलने की जरूरत है। ताकि छात्रों को सुविधा मिले और परेशानी ना हो।

5. विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी को जल्द चालू करने की जरूरत है साथ ही काउंसलिंग व प्लेसमेंट के लिए बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों से संपर्क कर यहां के छात्रों को नौकरी देने के लिए पहल होने की जरूरत है।

शिकायतें

1. हर साल दीक्षांत समारोह नहीं होने के कारण डिग्री के लिए छात्रों को परेशानी होती है। नौकरी मिलने के बाद भी डिग्री नहीं होने से परेशानी हो रही है।

2. मैनपावर की कमी के कारण माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिलने में छात्रों को परेशानी हो रही है। एक दिन के काम के लिए तीन दिन लग रहे हैं।

3. विश्वविद्यालय में बड़ी-बड़ी ईमारत बना हैं। शिक्षकों की कमी है। लैब् में नये-नये उपकरण नहीं है। प्रयोगशाला के लिए बना रूम खाली पड़ा है।

4. विश्वविद्यालय कैंपस में एक भी बैंक व छात्र सुविधा केंद्र नहीं है। अन्य विश्वविद्यालय के तर्ज पर यहां पर सुविधा नहीं मिलती है। जिसके कारण परेशानी होती है।

5. विश्वविद्यालय में काउंसलिंग की व्यवस्था नहीं है। साथ ही प्लेसमेंट से संबंधित कोई पहल किया जाता है। दस से पन्द्रह से अधिक छात्रों को नौकरी नही मिलती है।

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