धनबाद की पीएसयू कंपनियों पर नगर निगम का 390 करोड़ बकाया
धनबाद की पीएसयू कंपनियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने नगर विकास विभाग के माध्यम से धनबाद में प्रॉपर्टी टैक्स बकाया रखनेवाले पीएसयू की सूची मांगी...
धनबाद की पीएसयू कंपनियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने नगर विकास विभाग के माध्यम से धनबाद में प्रॉपर्टी टैक्स बकाया रखनेवाले पीएसयू की सूची मांगी है। सरकार के आदेश के बाद निगम ने जो सूची भेजी है, उसमें धनबाद की पीएसयू कंपनियों पर नगर निगम का 390 करोड़ का बकाया है।
राज्य सरकार ने पीएसयू कंपनियों से प्राप्त होने वाले राजस्व और टैक्स नहीं देने वाली कंपनियों की विस्तृत सूची मांगी थी। नगर निगम ने नौ पीएसयू कंपनियों की सूची बनाकर सरकार को भेजी है। इसमें तीन कंपनियों को छोड़कर बाकी की छह कंपनियों ने नगर निगम को एक रुपए का टैक्स नहीं दिया है। सबसे बड़ी बकायेदार बीसीसीएल है, जिसपर नगर निगम का 385 करोड़ रुपए का बकाया है।
बार-बार नोटिस के बाद भी पीएसयू नहीं देती प्रॉपर्टी टैक्स
नगर निगम द्वारा बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी पब्लिक सेक्टर की कंपनियां नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देती है। इसमें हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रासायिक लिमिटेड, बीआईटी सिंदरी और डीजीएमएस की ओर से ही नगर निगम को नियमित टैक्स दिया जाता है। बाकी कंपनियां ने निगम को टैक्स नहीं दिया।
नगर निगम के बकायेदार पीएसयू कंपनी
बीसीसीएल : 385 करोड़
सिंफर : दो करोड़ 19 लाख
एफसीआई सिंदरी : 42 लाख
सेल : 29 लाख 35 हजार
सीएमपीएफ : 16 लाख 67 हजार
आइएसएम धनबाद : 11 लाख 49 हजार
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