झारखंड चुनाव की तारीखों का ऐलान, धनबाद जिले की 6 सीटों पर किस दिन डाले जाएंगे वोट?
Jharkhand Vidhansabha Chunav 2024: झारखंड में चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को होगा जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। धनबाद में किस दिन डाले जाएंगे वोट?
Dhanbad Voting Date: निर्वाचन आयोग मंगलवार को झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया। झारखंड में दो चरण में मतदान होगा। झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। काउंटिंग 23 नवंबर को होगी। धनबाद विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। धनबाद जिले के अंतरगत 6 विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें धनबाद, झरिया, सिंदरी, बाघमारा, टुंडी, निरसा शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, धनबाद के साथ ही झरिया, टुंडी, बाघमारा, सिंदरी और निरसा विधानसभा सीटों पर भी 20 नवंबर को ही मतदान होगा। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है। झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जदयू के साथ गठबंधन है। इस बार तीनों साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा।
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो (झामुमो), कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। इस गठबंधन ने झारखंड की 81 में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था और हेमंत सोरेन दूसरी बार सीएम बने थे। भाजपा को महज 25 सीटें मिली थीं। हाल यह था कि तत्कालीन सीएम रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे।
बीते पांच वर्षों के दौरान में झारखंड में एक बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला था जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी चंपाई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन जमानत पर रिहा हो गए। इसके बाद सूबे में दोबारा बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला था। चम्पई सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड के सीएम पद की शपथ ली थी। इसके कुछ ही दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। अब वह झामुमो के खिलाफ लगातार रैलियां कर रहे हैं।