काठमेरखी : लालटेन युग में जीने को विवश हैं ग्रामीण
काठमेरखी गांव के रोहिंग्या टोला में 20 से 25 घरों में अभी तक बिजली नहीं है। झारखंड बनने के बाद ग्रामीणों को बिजली, पानी और सड़क की उम्मीद थी, लेकिन तीन साल पहले लगाई गई बिजली की पोल और तार के बाद कोई...

क़रौं, प्रतिनिधि आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र के काठमेरखी गांव के रोहिंग्या टोला में 20 से 25 घरों में अभी तक बिजली नहीं जल रहा है। इससे टोलेवासियों को काफी मलाल है। झारखंड बनने के बाद ग्रामीणों को आशा की किरण जगी थी, कि उनके टोले में बिजली, पानी व सड़क समस्या का समाधान हो जाएगा l लेकिन संवेदक द्वारा 3 साल पूर्व गांव में बिजली का पोल और एलटी तार लगाकर छोड़ दिया गया है l उसके बाद आज तक न तो विभाग द्वारा ही इसपर ध्यान दिया गया है, ना ही संवेदक द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है। जिस कारण गांव में आज भी अंधेरा छाया रहता है l टोले के लोग लालटेन युग में जीने को विवश हैं l वहीं बगल के गांव में बिजली जल रहा है l गांव के लोबेश्वर मुर्मू, काली मुर्मू, बद्री मुर्मू, पुरनी मुर्मू, संजोमुनि मुर्मू, मनोर मुर्मू, डेलू राय, पूर्णिमा, बहादुर राय, रमेश मुर्मू, बोडो मुर्मू, मझली मुर्मू आदि ने सांसद व विधायक से अविलंब गांव में बिजली व्यवस्था चालू कराने का मांग की है, ताकि गांव के लोगों को अंधेरा से निजात मिल सके l
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