तारिणीडीह मोहल्ले प्राकृतिक परिवेश से आधुनिक बसावट की ओर
देवघर के तारिणीडीह मोहल्ला में तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी गंभीर समस्या बनी हुई है। सड़कें कच्ची हैं, जलजमाव और बिजली की समस्याएं आम हैं। हालांकि, स्थानीय निवासियों ने...

देवघर, प्रतिनिधि तारिणीडीह मोहल्ला, देवघर शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक तेजी से बसता हुआ क्षेत्र बन गया है। यह मोहल्ला पिछले कुछ वर्षों में तेजी से फैलते हुए एक नये शहरी इलाके के रूप में सामने आया है। यहां का क्षेत्र लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, जहां वर्तमान में करीब 300 घर बन चुके हैं और कई नए मकानों का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है। मोहल्ले की जनसंख्या अब लगभग 3000 के आसपास पहुंच चुकी है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोग बेहतर जीवन की उम्मीद में इस मोहल्ले में बस रहे हैं, लेकिन इस तेज़ी से बढ़ते हुए क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अभी भी बहुत खराब है।
हालांकि, इस मोहल्ले के विकास के बावजूद, यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी बनी हुई है, जो निवासियों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं। सड़क, पानी, नाली और बिजली जैसी सुविधाओं की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि कई क्षेत्रों में अब भी इन बुनियादी सुविधाओं का सही तरीके से वितरण नहीं हो पाया है। इन समस्याओं के कारण यहां के लोगों को रोज़मर्रा की जिंदगी में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
तारिणीडीह पहले एक शांत और हरा-भरा इलाका था। यहां के चारों ओर खेत थे और खुले वातावरण की ताजगी यहां के निवासियों को शांति का अहसास कराती थी। यह इलाका हरियाली और शुद्ध वातावरण के लिए प्रसिद्ध था, जहां लोग प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया करते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में शहरीकरण की प्रक्रिया ने इस इलाके की सुंदरता को प्रभावित किया है। खेतों की जगह अब नए मकान और बिल्डिंग्स ने ले ली हैं, और हरियाली का भी धीरे-धीरे पतन हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप, पर्यावरणीय संतुलन भी प्रभावित हो रहा है और वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
मोहल्ले के फैलाव और जनसंख्या में वृद्धि के बावजूद, यहां की बुनियादी सुविधाएं बेहद पिछड़ी हुई हैं। सड़कें अधिकांश जगहों पर कच्ची हैं, जिसके कारण आवागमन में कठिनाइयां होती हैं। खासकर बरसात के मौसम में जलजमाव एक आम समस्या बन जाती है। इस इलाके में एक भी नाली नहीं बनी है, जिससे पानी का निकास सही ढंग से नहीं हो पाता और सड़कें कीचड़ से सनी रहती हैं। इसके अलावा, बिजली की समस्या भी यहां मौजूद है। हालांकि बिजली के पोल और तार तो लगे हैं, लेकिन बिजली पोलों पर एक भी लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिससे रात के समय अंधेरे का सामना करना पड़ता है।
मोहल्ले के निवासियों के बीच एक सकारात्मक बदलाव भी देखा जा सकता है। मोहल्ले में आपसी सहयोग और सामूहिक प्रयासों के द्वारा कई समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। लोग सामूहिक रूप से साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा, यहां के लोग शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं और धीरे-धीरे छोटे प्रयासों से इन समस्याओं को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस क्षेत्र के विकास में अपनी भूमिका और अधिक सक्रिय रूप से निभाए, तो तारिणी डीह का भविष्य काफी उज्जवल हो सकता है।
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