भ्रूण पहचान करने वाले पर होगी कार्रवाई
देवघर में पीसी और पीएनडीटी एक्ट के तहत एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य नोडल पदाधिकारी कमलेश कुमार ने भ्रूण लिंग पहचान को अवैध बताया और संबंधित अधिकारियों को भ्रूण हत्या...
देवघर। पीसी (प्रिवेंशन ऑफ सेक्स सिलेक्टिव एबॉर्शन) और पीएनडीटी (प्रिवेंशन ऑफ सेक्स सिलेक्टिव डायग्नोस्टिक टेक्निक्स) एक्ट के तहत एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता राज्य नोडल पदाधिकारी कमलेश कुमार ने की, जिन्होंने वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से एक्ट के नियमों और उसके महत्व के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी चिकित्सकों, साथ ही अल्ट्रासाउंड यूनिट के प्रभारी अधिकारियों ने भाग लिया। राज्य नोडल पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में भ्रूण की पहचान करना सख्त अवैध है। इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर अल्ट्रासाउंड यूनिट प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। कमलेश कुमार ने इस एक्ट के तहत महिलाओं और भ्रूण के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को सजग किया और भ्रूण लिंग परीक्षण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सभी संबंधित अधिकारियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित कार्यशाला में चिकित्सकों और अल्ट्रासाउंड यूनिट प्रभारी को एक्ट की पूरी जानकारी दी गई और उन्हें भ्रूण हत्या की रोकथाम में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य भ्रूण लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाना था, ताकि समाज में समानता और महिला अधिकारों का सम्मान किया जा सके।
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