पथार प्राचीन ठाकुरबाड़ी में 53 बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार
मधुपुर के पथार गांव में अठगांवा कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार का आयोजन किया गया। इस समारोह में 53 बटुकों को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी गई। आयोजन की तैयारी में समाज के...

मधुपुर प्रतिनिधि प्रखंड के पथार गांव में सोमवार को अठगांवा कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार का आयोजन किया गया। प्राचीन ठाकुरबाड़ी में यहां 53 बटुकों का विधि विधान के साथ सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार पंडित राधाकांत तिवारी, पंडित उत्तम मिश्रा, पंडित पंचानन तिवारी, पंडित राम रंजन मिश्रा द्वारा कराया गया। आयोजन की तैयारी में समाज के लोग जोरशोर से जुटे रहे। यहां पहुंचने वाले हजारों लोगों के ठहरने, भोजन, पानी, सफाई, बिजली की समुचित व्यवस्था की गई। अठगांवा कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद तिवारी ने बताया कि यज्ञोपवीत जिसे जनेऊ संस्कार भी कहा जाता है, संस्कार द्विज वर्ग के लिए विशेष महत्व रखता है। जिसमें बटुकों को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है और यज्ञोपवित धारण कराया जाता है। यज्ञोपवित संस्कार वैदिक धर्म में एक संस्कार है, जो व्यक्ति को यज्ञ करने और वेदाध्ययन का अधिकार प्रदान करता है। यज्ञोपवित का अर्थ है यज्ञ के समीप या गुरु के समीप आना। अठगांवा ब्राह्मण समाज द्वारा प्रतिवर्ष सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार का आयोजन किया जाता है। अठगांवा कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार को बढ़ावा दे रहा है। इस संस्कार में बटुकों को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है और यज्ञोपवित धारण कराया जाता है।
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