मधुपुर में तिलकुट और तिल लड्डू की जबरदस्त मांग
मधुपुर गांधी चौक पर संक्रांति के अवसर पर तिलकुट की कई दुकानें सज गई हैं। युवकों ने 10 साल तक दूसरों के लिए तिलकुट बनाना सीखा और अब अपनी दुकानें लगाकर 500-600 रुपए रोज कमाते हैं। तिलकुट और तिल के लड्डू...
मधुपुर , प्रतिनिधि। संक्रांति को लेकर मधुपुर गांधी चौक पर तिलकुट की कई दुकानें सज गई है। दर्जनों युवक तिलकुट और तिल के लड्डू की रोजगार कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं। गांधी चौक पर तिलकुट बनाकर बिक्री करने वाले पाथरोल निवासी विवेक गुप्ता, उमन साव और बिट्टू गुप्ता बताते हैं करीब 10 वर्षों तक दूसरे के यहां तिलकुट और तिल का लड्डू बनाना सीखा। पिछले दो साल से गांधी चौक पर अपनी दुकान लगाकर ताजा तिलकुट और तिल का लड्डू बनाकर बेचते हैं। सभी युवक प्रतिदिन 500 से 600 रुपए कमा लेते हैं। स्वरोजगार से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। तिल और गुड़ का मिश्रण सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से बहुत फायदेमंद माना जाता है। भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति के त्योहार पर तिल-गुड़ के लड्डू और तिलकुट बनाने की परंपरा है। यह मिश्रण शरीर को गर्म रखता है और सर्दी-खांसी से बचाता है। तिलकुट का व्यवसाय सीजनल है। संक्रांति के बाद युवक कुछ दूसरा व्यवसाय करते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।