कलकासुर व द्वादश ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति निर्माण अंतिम चरण में
देवघर में महाशिवरात्रि के मौके पर झारखंड सरकार पर्यटन विभाग द्वारा भव्य शिव बारात निकाली जाएगी। इस बारात में विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियाँ, हापिया हूप और कलकासुर जैसे मुख्य आकर्षण शामिल रहेंगे।...
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देवघर। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ मनोकामना लिंग बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य व आकर्षक शिव बारात झारखंड सरकार पर्यटन विभाग द्वारा निकाला जाएगा। झारखंड सरकार पर्यटन विभाग द्वारा शिवरात्रि महोत्सव समिति देवघर को बाबानगरी में भव्य व आकर्षक शिव बारात निकालने का जिम्मा दिया गया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर निकलने वाले शिव बारात की झांकियों के निर्माण का कार्य कलाकारों द्वारा जोर-शोर से किया जा रहा है। देवघर के प्रसिद्ध कलाकार मार्कण्डेय जजवाड़े उर्फ पुटरु की अगुवाई में द्वादश ज्योर्तिलिंग की प्रतिकृति सहित मुख्य आकर्षण की कलाकृतियां तैयार की जा रही है। शिव बारात में हापिया हूप व कलकासुर मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। जिसे तैयार करने में स्थानीय कलाकार दिन-रात लगे हुए हैं। शिव बारात में विभिन्न देवी-देवताओं सहित साधू-संत व नरकंकाल की झांकी भी शामिल रहेगी। इसके साथ ही महाशिवरात्रि के मौके पर बहुत सारे परफॉर्मिंग आर्ट का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्य कलाकार ने कहा कि चंदन नगर से आए लाइट व स्थानीय लाइट से शहर में सजावट का कार्य जारी हो गया है। कहा कि शहर के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर मेकनिकल लाइट लगाया जाएगा, जो बिजली द्वारा चलंत सजीव प्रदर्शन करेगा। इस वर्ष महाशिवरात्रि के दौरान बाबानगरी में भव्य व आकर्षक तरीके से शिव बारात निकाला जाएगा। शिव बारात की झांकी बनाने में जुटे मुख्य कलाकार मार्कण्डेय जजवाड़े उर्फ पुटरु ने कहा कि शिव बारात की झांकी में श्रीगणेश, शिव, ब्रह्मा, विष्णु, महाकाल, श्याम-कार्तिक, कृष्ण, इन्द्र, सूर्यदेव, चंद्रदेव, बरुणदेव, कामदेव, अग्निदेव, कुबैर, पवनदेव, यमराज, यमदूत, चित्रगुप्त, रावण, अंगद, बाल शिव-पार्वती, कलकी अवतार, शनिदेव, परशुराम, सरस्वती, लक्ष्मी, मां मनसा, नारद, कर्ण, अर्जुन, भारत माता, महामंडलेश्वर, कुंभकरण सहित साधु मंडली व भूत मंडली शामिल रहेगी। कहा कि झांकी में शामिल सभी देवी-देवता सिंहासन व सवारी के साथ रहेंगे। झांकी के लिए बैलगाड़ी, रथ, हाफ डाला पिकअप वैन की व्यवस्था कर ली गयी है। साथ ही देवी-देवताओं के सवारी बनाने का कार्य भी कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। शिव बारात को लेकर झांकी बनाने में जुटे मुख्य कलाकार मार्कण्डेय जजवाड़े उर्फ पुटरु ने कहा कि हापिया हूप, कलकासुर और द्वादश ज्योर्तिलिंग की प्रतिकृति शिव बारात का मुख्य आकर्षण रहेगा। उन्होंने कहा कि हापिया हूप एक भयानक ड्रैगन का डरावना चेहरा रहेगा। वह जब हाफी लेगा तो उसके मुंह के अंदर से एक भयावह ड्रैकूला निकलेगा। जो शिव भक्तों का मनोरंजन करेगा। इसकी लंबाई 20 फीट, चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 12 फीट रहेगी। इसके साथ ही कलकासुर में दो प्रकार की प्रस्तुति होगी। एक शांति का संदेश देता हुआ दिखायी देगा तो दूसरा अशांति का संदेश देगा। इसका आकार 14 फीट ऊंचा, 7 फीट चौड़ा और 7 फीट लंबा रहेगा। यह एक तरफ हाथ जोड़कर शांति का संदेश देगा तो दूसरी तरफ हथियार के साथ अशांति फैलाने के दृश्य को दर्शाएगा। इसके साथ ही कलकी अवतार, बाल शिव-पार्वती, निशाचर खोपड़ी, मोबाइल से बच्चों को दूर करने कि लिए एक संदेश देता हुआ झांकी सहित अन्य झांकियां निकाली जाएगी। कहा कि शिव बारात को भव्य बनाने के लिए छऊ नृत्य, देश का मशहूर बैंड पार्टी, 12 ऊंट, 40 घोड़ा और 30 मानव कंकाल शिव बारात के आगे-आगे धूम मचाते हुए चलेगा।
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