हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करे सरकार : डॉ. अनिल सुलभ
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ के देवघर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। मदर्स टच प्ले स्कूल में गोष्ठी आयोजित की गई, जहां स्थानीय साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। डॉ. सुलभ...
देवघर,प्रतिनिधि। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष सह साहित्यकार डॉ. अनिल सुलभ के देवघर आगमन पर शनिवार को उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान स्थानीय साहित्यकारों के साथ एक गोष्ठी का आयोजन मदर्स टच प्ले स्कूल प्रांगण में किया गया। सर्वप्रथम सर्वेश्वरदत्त द्वारी और प्रो. रामनंदन सिंह ने सभी अतिथियों का सम्मान पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर किया। मंच का संचालन कर रहे कवि सह गीतकार अनिल कुमार झा ने डॉ. अनिल सुलभ से स्थानीय साहित्यकारों का परिचय कराया। मौके पर डॉ. अनिल सुलभ ने बातचीत के क्रम में हिंदी की वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि आज हिंदी राष्ट्रभाषा है न पूर्णतः राजभाषा। उन्होंने कहा कि हिंदी को सरकार राष्ट्रभाषा घोषित करे। उसके बाद उमाशंकर राव उरेंदु, रविशंकर साह, सर्वेश्वर दत्त द्वारी, अनिल कुमार झा और डॉ. शंकर मोहन झा ने अपनी-अपनी काव्य रचनाएं सुनाई। मौके पर कथाकार प्रशांत कुमार सिन्हा ने भी कहानी लेखन की अपनी प्रक्रिया बताई। अंत में धन्यवाद ज्ञापन आनंद लॉ के संचालक एडवोकेट अमन अमिताभ ने किया। इस अवसर पर लेखक प्रसन्न कुमार चौधरी, शत्रुघन प्रसाद, आभास सहित अन्य उपस्थित थे।
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