देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस पहुंचती रही पालोजोरी व खागा थाना क्षेत्र
देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस पहुंचती रही पालोजोरी व खागा थाना क्षेत्र देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस पहुंचती रही पालोजोरी व खागा थाना क्षेत्र - सा
पालोजोरी अतुल साहिल पालोजोरी अंचल के पालोजोरी व खागा थाना क्षेत्र की दर्जनों गांवों की पहचान इन दिनों साइबर अपराधियों के बरक्स के रूप में होने लगी है। पिछले एक सप्ताह के दौरान कई राज्यों व जिले की साइबर थाना की पुलिस अंचल के पालोजोरी व खागा थाना के कई गांवों में अपनी धमक दिखाते हुए साइबर अपराधियों को पकड़कर अपने साथ ले गई है। वैसे भी देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस लगातार साइबर अपराधियों की तलाश में यहां पहुंचती रही है। अंचल के खागा व पालोजोरी थाना क्षेत्र के कई गांवों की पहचान तेजी से साइबर अपराधियों के गांव के रूप में होने लगी है। इन गांवों के सैकड़ों युवा देश के विभिन्न राज्यों में साइबर अपराध को अंजाम देते हैं व अच्छी खासी कमाई कर गांव लौट आते हैं। ऐसे अपराधियों की तलाश में देश के अमूमन सभी राज्यों की पुलिस पिछले 2 सालों के अंदर पालोजोरी व खागा थाना क्षेत्र के कई गांव में अपनी धमक दे चुकी है। इस क्रम में साइबर सेल की पुलिस ने दर्जनों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। बावजूद क्षेत्र में साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 2 सालों के दौरान इन दोनों थाना क्षेत्रों में लगभग 20 राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए अपनी दबिश दिखा चुकी है। क्षेत्र के साइबर अपराधियों ने देशभर के लोगों से ठगी कर ली है। एक अनुमान के अनुसार क्षेत्र में साइबर अपराधियों की संख्या जहां चार डिजिट में है, वहीं ठगी की राशि की गणना की जाए तो यह आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है।
नई जेनरेशन धंधे में है लिप्त, फीमेल मेंबर भी है सक्रिय : आश्चर्य इस बात की है कि इस धंधे में ज्यादातर लोगों की उम्र 15 से लेकर 35 वर्ष तक की ही रहती है, इसमें भी गौर करने वाली बात यह है कि धंधे में साइबर अपराधियों के घर की महिलाएं और लड़कियां भी शामिल रहती हैं।
खाक पति से लाखों में खेलने लगे हैं सैकड़ो युवक: पालाजोरी के कई गांवों में रहने वाले सैकड़ो युवकों का स्टेटस पिछले 1-2 सालों के दरम्यान इस कदर बढ़ गया है कि वह लोग खाकपति से एकाएक लाखों व करोड़ों में खेलने लगे हैं। इन गांवों में बिराजपुर, कुशमाहा, कसरायडीह, गुलालडीह, सरसा, असना, पहरुडीह, पथरघटिया, कुंजबोना, पहरुडीह सहित कई गांव शामिल है। इन गांवों में बने महलनुमा घर यह बता रहे हैं कि बिना मेहनत खाक से लाख व करोड़पति बनने का फॉर्मूला इनके पास है।
कड़े कानून नहीं होने का उठाते हैं फायदा : साइबर अपराध करने वालों को इस बात की जानकारी है कि साइबर क्राइम के लिए सजा का कोई ठोस प्रावधान नहीं है। साइबर अपराधियों को इस बात का भी डर नहीं है कि पकड़े जाने पर उन्हें कड़ी सजा होगी। इसी बात का फायदा उठाकर साइबर अपराधी बिना डर इस तरह के गोरखधंधे में संलिप्त रहते हैं। कई साइबर अपराधियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर बड़ी राशि की ठगी कर 3 महीने जेल के अंदर रहने के बाद फिर खुली हवा में निकल जाए तो करोड़ों की ठगी करने से उन्हें गुरेज नहीं है।
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