एमडीए दवा सेवन व जागरुकता कार्यक्रम
एम्स देवघर ने संत मेरी गर्ल्स उच्च विद्यालय और केंदुआ देवीपुर में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। डॉ. बिजित विश्वास ने फाइलेरिया के कारण,...
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देवघर। एम्स देवघर द्वारा शुक्रवार को संत मेरी गर्ल्स उच्च विद्यालय देवघरव अपग्रेडेड हाई स्कूल केंदुआ देवीपुर में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए)दवा सेवन व जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम एम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ प्रो.डॉ.सौरभ वार्ष्णेय के मार्गदर्शन में डॉ.बिजित विश्वास सहायक प्राध्यापक सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग व एमडीए कॉर्डिनेटर एम्स देवघर के निगरानी में आयोजित की गयी। मौके पर डॉ.बिजित विश्वास ने फाइलेरिया रोग, इसके कारण, लक्षण, प्रभाव, रोकथाम के उपाय और एमडीए अभियान के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों द्वार पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए एमडीए कार्यक्रम की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि और इसकी अनिवार्यता को स्पष्ट किया, जिससे उनकी शंकाओं का समाधान हो सके। इस दौरान शहरी विद्यालय में 82 व ग्रामीण विद्यालय में 151 बच्चों ने एमडीए दवा का सेवन किया, जो टीम की सीधी निगरानी में हुआ। इस अभियान में एम्स देवघर के मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू)परियोजना के स्टाफ डॉ.सुनील कुमार मिश्रा, डॉ.बालार्को चक्रवर्ती, दीपक कुमार व चंदन कुमार ने सक्रिय रुप से भाग लिया। मौके पर डॉ.बिजित विश्वास ने जानकारी देते हुए कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर परजीवी रोग है। जिससे हाथी पांव और विकलांगता हो सकती है। इसे केवल एमडीए दवा के नियमित सेवन से रोका जा सकता है। यह दवा सभी स्वस्थ्य व्यक्तियों को लेनी चाहिए। लेकिन एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं,गर्भवती महिलाओं और गंभीर रुप से बीमार रोगियों को यह दवा नहीं लेना है। उन्होंने कहा कि हर साल एमडीए जरुरी, फाइलेरिया मुक्त जीवन की गारंटी, दवा खाएं, जागरुक बनें और स्वस्थ्य भारत गढ़ें। एमडीए दवा सेवन व जागरुकता कार्यक्रम को सफल बनाने में नर्सिंग अधिकारी मोहम्मद मोला, अभिषेक दास, अर्पिता घोष, बृष्टि बनर्जी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने दवा सेवन की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि सभी बच्चों ने दवा सही तरीके से ली। संत मेरी गर्ल्स उच्च विद्यालय की प्राचार्य क्रस्टिना मुर्मू, केंदुआ हाई स्कूल के प्राचार्य दिलीप कुमार मंडल का काफी सहयोग रहा, जिससे यह अभियान प्रभावी व सफल बना।
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