पुस्तक मेले में कवि सम्मेलन सह काव्याभिषेक होगा
देवघर में 22वें देवघर पुस्तक मेले का समापन 21 जनवरी को भव्य कवि सम्मेलन के साथ होगा। इस सम्मेलन में झारखंड, बिहार, बंगाल और आस-पास के प्रतिष्ठित कवि बाबा वैद्यनाथ का काव्याभिषेक करेंगे। कार्यक्रम का...
देवघर। 22वें देवघर पुस्तक मेला का समापन भव्य कवि सम्मेलन सह काव्याभिषेक के साथ 21 जनवरी को होगा। जिसमें देवघर के अलावे झारखंड, बिहार, बंगाल और आसपास के प्रतिष्ठित कवि, कवयित्री और कलाकार अपनी कविताओं से बाबा वैद्यनाथ का काव्याभिषेक करेंगे। इस कवि सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय द्वारा किया जा रहा है। जिसका संयोजन व संचालन अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त साहित्योदय संस्थापक कवि पंकज प्रियम करेंगे। साहित्योदय के संस्थापक ने जानकारी देते हुए कहा कि कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त नवीन कुमार होंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानवर्द्धन मिश्र होंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश्वर दत्त द्वारी करेंगे। सरस्वती वंदना किशोरी भूषण करेंगी। कार्यक्रम में अनिल कुमार झा, डॉ. शंकर मोहन झा, डॉ. प्रियम्बदा मिश्रा, रुणा रश्मि, संजय करुणेशज़, कवि राजेश पाठक, रामस्वरुप मयूरेश, सुरेंद्र उपाध्याय, डॉ.रजनी शर्मा चन्दा, पुष्पा सहाय, भारती कुमारी, सुधा मिश्रा राजस्वी और संतोष समर अपने काव्यरस से सबको सराबोर करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्राचेतना, भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति के प्रति समर्पित साहित्योदय पिछले कई वर्षों से लगातार सक्रिय है और अबतक 4 हजार से अधिक नवोदित, गुमनाम और घरेलू महिला कलमकारों को वैश्विक मंच प्रदान कर चुका है। साहित्योदय के साथ पूरी दुनिया के लाखों रचनाकार पूरे समर्पण भाव से जुड़े हैं। कोरोना काल में देवघर के सेवाधाम में भव्य आयोजन के बाद अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार, रायपुर, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गिरिडीह, क़तर, जर्मनी, कनाडा जयपुर समेत कई स्थलों पर आयोजन किया जा चुका है। इसके लिए साहित्योदय ने 4 वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना स्थान बनाया है। साहित्योदय द्वारा भारतीय साहित्य को सरल सहज जन भाषा में प्रकाशन भी करने का कार्य हो रहा है। काव्यसागर, शब्द मुसाफिर, कोरोना काल, रुदाली, मालती, पुष्प की अभिलाषा, गोल्डन बुक अखंड काव्यार्चन, कृष्णायन, शिवायन, अंगूठे की मौत, लफ्ज़ मुसाफ़िर, सत्य साधना, गङ्गा, मन के अंगना में, कथामाल्य, दोहा दर्पण सहित दर्जनों पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। अभी गीतायन, कथालोक, किसलय, मन बंजारा, मन सरगम, कुरुक्षेत्र, जिसकी रोटी उसकी भैंस, मुसाफ़िर लफ़्ज़ों का प्रकाशनाधीन है। इसी वर्ष नवंबर में कुरुक्षेत्र की धरती पर गीतायन महोत्सव आयोजन होना तय है।
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