नावाडीह में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन
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सिमरिया, निज प्रतिनिधि। पत्थलगड़ा प्रखंड के नावाडीह में राम सिया जी सेवा ट्रस्ट परिवार श्रीधाम अयोध्या जी के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन विशाल भंडारे के साथ संपन्न हो गया। यह यज्ञ 8 नवंबर से मणि भूषण मिश्रा के यहां आयोजित किया गया था। यज्ञ में कथावाचक अरुण शास्त्री जी महाराज और मुख्य यजमान मणि भूषण मिश्रा और इंदिरा देवी थी। श्रीमिश्रा ने अपने माता को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराने के लिए यह यज्ञ आयोजित किए थे। प्रतिदिन दोपहर 3:00 से रात्रि 9:00 बजे तक कथावाचक श्री शास्त्री जी द्वारा आम लोगों को भी कथा का रसपान कराया जाता था। कथा श्रवण के लिए प्रतिदिन आसपास गांव के सैकड़ों लोग शामिल होते थे । समापन के मौके पर उन्होंने श्री कृष्णा और सुदामा के चरित्र का चित्रण करते हुए कहा की मित्रता गरीबी और अमीरी से नहीं बल्कि परस्पर आपसी संबंध से बनता है । इसमें ना नीचे होता है ना कोई उच्च होता है। श्री कृष्णा द्वारकाधीश नरेश थे जबकि सुदामा जी दरिद्र ब्राह्मण लेकिन उनके आगमन पर उन्होंने सिर्फ नाम सुनकर अपने सारे कार्य छोड़कर उनसे मिलने के लिए दौड़ पड़े, मित्र ऐसी होनी चाहिए। इसलिए आज इतने युगों के बाद भी दुनिया कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को सच्चे मित्र को प्रेम के प्रतीक के रूप में याद करती है।
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