महिला दिवस पर विशेष - अपने जीवन में कितनी संघर्ष की मृदुला, लोग करते हैं अब भी चर्चा
महिला दिवस पर विशेष - अपने जीवन में कितनी संघर्ष की मृदुला, लोग करते हैं अब भी चर्चामहिला दिवस पर विशेष - अपने जीवन में कितनी संघर्ष की मृदुला, लोग कर

पत्थलगड्डा, प्रतिनिधि। प्रखण्ड क्षेत्र के सिंघानी में एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों में लम्बे संघर्ष के बाद भी अपने जीवन से हार नहीं मानी। जी, हां हम बात कर रहे हैं सिंघानी निवासी स्वर्गीय शिवनंदन प्रसाद के विधवा पत्नी मृदुला सिन्हा की जिन्होंने अपने पति के दिव्यांग होने के बाद और पति के मृत्यु के उपरांत अपने जीवन के हर संघर्षों को झेला है। मृदुला की शादी सिंघानी निवासी शिवनंदन प्रसाद के साथ 1990 में हुई उस समय पति बेरोजगार थे। पति के बेरोजगारी को न कोस कर खुद मृदुला ने 1994 में साक्षरता से जुड़ी और गांव में अनपढ़ महिलाओं को साक्षर की। वहीं 2002 से प्रखण्ड क्षेत्र के हजारों महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देकर लोगों को स्वरोजगार से जोड़ी। जबकि 2003 को एक स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं का हर क्षेत्र में नेतृत्व की। 2006 में पति के दिव्यांग हो जाने के बाद मृदुला सिलाई बुनाई करके अपने दिव्यांग पति एवं चार बच्चों का पालन पोषण की। दिव्यांग पति एवं बच्चों के दो वक्त की रोटी एवं दवा की जुगाड की। बड़ी बेटी की किसी तरह से विवाह कर दी।
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