Hindi Newsझारखंड न्यूज़चतराPeaceful Voting at Hunterganj Amidst Security Challenges in Border Areas

सीमावर्ती बूथों पर भी हुआ निर्भिक और शांतिपूर्ण मतदान

हंटरगंज के 160 मतदान केंद्रों में से कई बिहार के उग्रवाद और अपराध प्रभावित क्षेत्रों में स्थित हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए, जिससे शांतिपूर्ण और निर्भीक मतदान सुनिश्चित हुआ। ईवीएम में...

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराThu, 14 Nov 2024 01:50 AM
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हंटरगंज। हंटरगंज के 160 मतदान केंद्रों में करीब दो दर्जन मतदान केंद्र बिहार के शेरघाटी, डोभी, बाराचट्टी, बांके बाजार, रोशनगंज थानों के उग्रवाद, अपराध प्रभावित क्षेत्र का सीमावर्ती है। इनमें उत्तर दिशा स्थित बूथ संख्या क्रमश: 1 एमएस नावाडीह पनारी, 2 यूएमएस नावाडीह पनारी, 3 यूएमएस मायापुर खुर्द, 4 यूएमएस गौसपुर, 5 यूएमएस जबडा ईस्ट, 6 यूएमएस जबड़ा ईस्ट, 7 यूएचएस बांका, 8 यूएमएस गंगटा, 9 यूएमएस मीरपुर, 10 यूएमएस सोनबरसा, 11 यूएमएस भागेवार, 12 यूएम एस खरौना, 13 यूएमएस आमीन, पश्चिमी दिशा स्थित बूथ संख्या क्रमश: 26 यूएमएस लेंजवा नार्थ, 27 यूएमएस लेंजवा साउथ, 28 यूएमएस अकौना, 29 यूएमएस कोसमाही, 30 यूएमएस खरांटी, 33 यूएमएस ढोलिया, 34 यूएमएस सोनपुरबीघा और पूर्वी दिशा स्थित बूथ संख्या क्रमश:146 एमएस कुब्बा और 147 यूएमएस एकतारा मतदान केंद्र शामिल हैं। सीमावर्ती बूथों पर बिहार के उग्रवादी एवं अपराधी का चुनाव में दखलअंदाजी और हस्तक्षेप का पुराना इतिहास रहा है। इसी मद्देनजर सीमावर्ती बूथों पर निर्भीक, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराना प्रशासन पुलिस के लिए नाक का सवाल बना हुआ था। सीमाएं सील कर दी गई थी और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। प्रशासन पुलिस का प्रयास रंग लाया और सीमावर्ती बूथों पर भी सामान्य बूथों की तरह निर्भीक, निष्पक्ष, हस्तक्षेप व भयमुक्त शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ। मतदाताओं ने भी निर्भीक होकर अपने मताधिकार का खुलकर प्रयोग किया। झारखंड बिहार के सीमावर्ती बिहार के इमामगंज विधानसभा का उप चुनाव भी 13 नवंबर को होने के कारण बिहार और झारखंड दोनों ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई थी।

ईवीएम में गड़बड़ी से वंचित रहे मतदान केंद्र, मतदाताओं को नहीं करना पड़ा इंतजार

विधानसभा चुनाव में हंटरगंज के सभी मतदान केंद्र ईवीएम मशीन में तकनीकी गड़बड़ी से वंचित बने रहे। एक-दो मतदान केंद्र में ईवीएम मशीन में हल्की तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिलते ही इंजीनियर विशेषज्ञ द्वारा तत्काल सुधार कर सुचारू कर दिया गया । नतीजतन मतदान केंद्रों पर लंबी भीड़ जमी नहीं रही । मतदाताओं को वोट देने में कोई परेशानी व उलझन का सामना नही करना पड़ा। लम्बे समय तक लाइन में रहकर वोट देने के लिए प्रतीक्षा नहीं करना पड़ा। इससे शांति व्यवस्था भी बनी रही। मतदान केंद्रों पर लंबी लाइन भी नहीं लगी। प्रशासन द्वारा ईवीएम की देखरेख एवं त्वरित पहल के लिए एक सिविल के साथ एक ईवीएम विशेषज्ञ इंजीनियर को प्रतिनियुक्त किया गया था, जो पूरी तरह गतिशील और सक्रिय बने हुए थे।

अंत तक मतदाताओं ने नहीं खोला मन की बात

हंटरगंज के मतदाताओं ने चुनाव में प्रचार प्रसार व डोर टू डोर संपर्क के दौरान खामोशी की चादर ओढ़े रहे। तुष्टिकरण की नीति अपनाए रखें । मतदान के दिन भी विरले को छोड़ अधिकांश मतदाताओं ने अपने मत प्रयोग का पत्ता नहीं खोला । पूछने वालों को दो टूक जवाब दिया कि जिसे दिल ने गवारा किया व जो विश्वास भरोसे पर सही उतरा ,उसे वोट दे दिया ।पुरुष मतदाताओं की बात दूर महिला मतदाताएं भी इसी रंग में रंगी दिखी। बहुत कुरेदने पर भी बिना कोई जबाब नही दिए। वजह जो भी हो गुप्त मतदान की स्वस्थ परंपरा का नजारा पेश किया। कैडर ,जातीय वोट के समीकरण में बिखराव दिखा ।यहां तक कि पारिवारिक वोट भी एकीकृत नहीं रह सका।इसमें भी विभाजन दिखा । विधानसभा में लोकसभा चुनाव की अपेक्षा मुद्दे भी इत्तर रहा।

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