अफीम की खेती को लेकर की जा रही जमीन तैयार
लावालौंग प्रखंड क्षेत्र में पिछले एक दशक से अफीम की खेती हो रही है, जिससे झारखंड, बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा तक तस्करी की जाती है। पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई के बावजूद खेती जारी है। 2023 में...
लावालौंग, प्रतिनिधि। पिछले एक दशक से लावालौंग प्रखंड क्षेत्र अफीम की खेती का जोन बना हुआ है। इस अवैध खेती का उत्पादन कर झारखंड ही नहीं बल्कि बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा तक तस्करी की जाती है। जिससे अफीम के सफेद पाउडर से करोड़ों का काला कारोबार चलता है। विगत एक दशक से अधिक समय से प्रखंड के कई इलाकों में अफीम की खेती हो रही है। जिस पर लगातार पुलिस के द्वारा कार्रवाई के बाद भी अब तक विराम नहीं लग पाया है। इसी क्रम में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल भी बड़े पैमाने पर खेती शुरू किए जाने के लिए वन भूमि को तैयार करने की सूचना मिल रही है। हालांकि इक्के-दुक्के स्थान पर सूचना के बाद वन विभाग व सुरक्षा बलों की टीम ने मिलकर कार्रवाई की थी, लेकिन यह कारवाई बहुत थोड़ी थी। अब जिस तरह से अफीम की खेती करने के लिए जमीन तैयार किए जाने कि सुचना है, उससे पता चलता है कि इसके पीछे बड़ा रैकेट काम कर रहा है। सरकार की जमीन हो या वन विभाग की, प्रखंड क्षेत्र में अफीम की फसल खूब होती रही है। करीब तीन दशक पूर्व से चतरा जिले के बड़े भू-भाग में यह गोरख धंधा चल रहा है। जिसमें प्रखंड क्षेत्र के कुछ लोग भी करीब एक दशक पूर्व से इस गोरख धंधे में शामिल हो गए। कहा तो यह भी जाता है कि इसमें कई सफेदपोश लोगों की भी मिलीभगत है। मिलीभगत का परिणाम है कि अफीम की खेती न सिर्फ की जाती है बल्कि इसे संरक्षण भी प्रदान किया जाता है। वर्ष 2023 की ही बात करें तो पुलिस प्रशासन और वन विभाग के संयुक्त अभियान में सैकड़ो एकड़ भूमि में लगी अफीम की फसल नष्ट की गई थी। अफीम की खेती इस कदर लगाई गई थी कि इसे नष्ट करने के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर समेत काफी संख्या में सुरक्षा बलों की मदद लेनी पड़ी थी। हालांकि तब भी अफीम की पूरी फसल नष्ट नहीं हो पाई थी। ऐसे में कहीं न कहीं अफीम की खेती को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बातचीत के क्रम में वनरक्षी रवि कुमार ने बताया कि हमें कुछ क्षेत्रों में अफीम की खेती किए जाने की सूचना मिली है। जिसके बाद हमने अभियान चला कर दो ट्रैक्टर भी जब्त किया है। वहीं थाना प्रभारी रूपेश कुमार राय ने बताया कि हमने अभियान चला कर दो ट्रैक्टरों को तो जब्त कर ही लिया है, अगर आगे भी कहीं अफीम की खेती किए जाने की सूचना प्राप्त होती है तो हम अफीम की खेती को नष्ट करेंगे और खेती करने वाले के ऊपर मामला भी दर्ज करके जेल भी भेजेंगे। हमारी तरफ से पूरा प्रयास होगा कि इस बार पूरा थाना क्षेत्र में कहीं भी अफीम की खेती ना हो। खेती करने वाले किसी भी रूप में बख्शा नहीं जायेगा।
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