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कुपोषण उपचार केंद्र में बच्चों को नहीं मिल पा रहा है पोषणयुक्त भोजन

हंटरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पोशाक युक्त भोजन नहीं मिल रहा है। केंद्र में भर्ती पांच कुपोषित बच्चों को केवल दूध में पाउडर दिया जा...

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराMon, 5 May 2025 01:49 AM
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कुपोषण उपचार केंद्र में बच्चों को नहीं मिल पा रहा है पोषणयुक्त भोजन

हंटरगंज, निज प्रतिनिधि। हंटरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के अभिभावकों ने केंद्र में बच्चों को पोशाक युक्त भोजन नहीं मिल पाने का आरोप लगाया है। कुपोषण उपचार केंद्र में वर्तमान में पांच कुपोषित बच्चे भर्ती हैं। भर्ती बच्चों में मंझगावां गांव के प्रमोद भुइया के 1 वर्षीय पुत्री रेखा कुमारी, रामस्वरूप भारती के 9 माह का पुत्र कृष्ण कुमार, गजेंद्र भारती के 9 मां की पुत्री मधु कुमारी और नावाडीह के बरियारचक गांव के सियाराम का भारती का 3 वर्षीय पुत्र शिवम कुमार और 1 वर्ष से पुत्र प्रिंस कुमार शामिल है। उनके देखभाल में उनके अभिभावक भी केंद्र में रह रहे हैं।

कुपोषित बच्चों के देखभाल में रहने वाले लोगों को भी विभाग के द्वारा निर्धारित राशि और खाने-पीने का सम्मान दिया जाता है। लेकिन ना तो कुपुषित बच्चों को पोषण युक्त भोजन मिल रहा है और ना ही उनके देखभाल करने वाले उनके अभिभावकों को भी ना पैसे मिल पा रहा है ना ही खाने का सामान। इनका कहना है कि उल्टे इन्हें घर से पैसे मंगवा कर अपना और कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती अपने बच्चों को खिलाना पड़ रहा है। बच्चों को सिर्फ तीन बार दूध में पाउडर मिलाकर दिया जा रहा है। केंद्र में भर्ती बच्चों और उनके देखभाल करने वाले लोगों को नहाने धोने के लिए सर्फ साबुन भी प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। व्याप्त असुविधाओं के बीच अपने बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराए हुए हैं और भर कठिनाइयों का सामना करते हुए समय काट रहे हैं। बच्चों के देखरेख के लिए किरण देवी, मुनिया देवी, पूनम देवी केंद्र पर रह रही हैं। इन्होंने कुपोषण उपचार केंद्र में सरकार के द्वारा निर्धारित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग सिविल सर्जन से किया है। कुपोषण उपचार केंद्र में पदस्थापित एएनएम मोनिका लिंडा ने बताया कि बच्चों को वजन के हिसाब से उन्हें भोजन दिया जा रहा है। वही राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चों के देखभाल करने वाले लोगों को पैसा नहीं दे पानी की बात बताया गया। पैसा उपलब्ध होने के बाद इन्हें एक मुफ्त पैसा उपलब्ध करा दिए जाने की बात बताया गया।

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