प्रतापपुर प्रखंड में आज तक नहीं बना आदिम जनजातियों का पक्का मकान
प्रतापपुर में आदिम जनजातियों के लिए आवास योजनाएं जैसे बिरसा आवास, पीएम आवास और अबुआ आवास अधूरे हैं। बिचौलियों के कारण लाभार्थियों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। कई परिवारों का निर्माण...
प्रतापपुर, निज प्रतिनिधि। प्रखंड में आदिम जनजातियों के लिए सरकार द्वारा बनाए जाने वाले बिरसा आवास, पीएम आवास, अबुआ आवास आज तक पूर्ण रूप से तैयार नहीं हो पाया है। जब भी प्रखंड के बैगा एवं बिरहोर परिवारों को सरकार द्वारा बिरशा आवास, पीएम आवास, अबुआ आवास योजना से लाभान्वित करने की बात आती है तो प्रखंड के बिचौलियों का भेंट चढ़ जाता है। और बिचौलियों के करण हीं आज तक इन परिवारों को पक्का मकान नसीब नहीं हो पा रहा है। जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जब भी आवास योजना मिला है स्वयं लाभुकों को बनाने नहीं दिया गया है। कहीं न कहीं पंचायत या प्रखंड के बिचौलिया आवास निर्माण के नाम पर कहीं डोर लेवल तो कहीं ढलाई तक तो कहीं पिंलथ तक आवास निर्माण कार्य करा कर सरकार द्वारा आवंटित राशियों का बंदरबांट कर लेते है। प्रखंड के भितहा, धरधरी, परहियाडीह, भूगडा, हेसातू, जावा दोहरी, हिंदियाकला, भैसमरा, तीलसरैया, झांटी, सिद्दकी, भंगिया, आदि ऐसे गांव हैं जहां बैगा परिवार या विरहोर परिवार वर्षों से बास की टोकरी और सूप सामग्री बना कर बेचते आ रहा हैं और अपने और अपने परिवारों का जीवकोपार्जन करते आ रहे हैं। प्रखंड के हिंदिया कला इसका जिता जागता उदाहरण है। इस गांव में एक दर्जन बिरशा आवास निर्माण कार्य बिचौलियों के माध्यम से नहीं करा कर स्वयं लाभुकों के द्वारा आवास निर्माण कार्य किया जा रहा था जो बिचौलियों को रास नहीं आया। और नक्सलियों से मिल कर लेवी की मांग करवा दिया गया। लेवी नहीं देने के कारण आवास निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। और आज तक बिरशा आवास आधा अधुरा पड़ा हुआ है। यही हाल परहियाडीह बैगा टोला, भितहा बैगा टोला का देखने को मिल रहा है इस गांव में कई परिवारों को आवास योजना का लाभ बैगा परिवारों को दिया गया है परंतु एक भी पुरा नही किया गया है। बैगा परिवारों ने बताया कि बिचौलियों के माध्यम से निर्माण कराया जा रहा हैं जो आधा अधुरा करा कर छोड़ दिया गया है। पूरा करने के लिए कहते हैं तो कहता है कि पैसा खत्म हो गया है। पैसा मिलेगा तो पूरा होगा।
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