Hindi NewsJharkhand NewsChatra NewsFour Killed in Pratappur Opium Smuggling Linked to Recent Murders

प्रतापपुर के बामी कुंदा रोड अफीम तस्करों के लिए बना सेफ जोन

प्रतापपुर के बामी कुंदा कालीकरण रोड बनने के बाद चार लोगों की हत्या हो चुकी है। ये हत्याकांड अफीम की खेती से जुड़े हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में अफीम तस्करों के बीच झगड़े और टकराव के कारण कई लोगों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराThu, 26 Dec 2024 09:30 PM
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प्रतापपुर, निज प्रतिनिधि। प्रतापपुर के बामी कुंदा कालीकरण रोड बनने के बाद अभी तक महिला समेत चार लोगों की जान चली गई है। चारों हत्याकांड अफीम की खेती, अफीम विनिष्टीकरण करने से जुड़ा हुआ है। बता दें कि योगियारा पंचायत अंतर्गत बामी देवकुंडी भितहा, बरहे, शिकारपुर, कुंबा, कुंदा के दारी, चिलोई, मेदवाडीह, चातू, साहपुर आदि क्षेत्रों में एक समय पोस्ता की खेती बड़े पैमाने पर किया जाता था। साथ ही अफीम तस्कर इसी बामी देवकुंडी के घनघोर जंगलों का लाभ उठाते हुए नवनिर्मित पक्की रोड से अफीम की तस्करी करते थे। इसी रोड से बाहरी अफीम तस्करों को लाया जाता था और सुरक्षित बिहार चले जाते थे। पोस्ता की खरीद फरोख्त को लेकर कई बार अफीम तस्करों के बीच झगड़ा-झंझट होते रहता है। इसी बीच वर्ष 2017-18 में अफीम की खरीद फरोख्त में जोरी कठौन निवासी इस्तिकार मियां की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं दूसरी घटना वर्ष 2018-19 में इंटर की छात्र उपेंद्र कुमार महतो को बदमाशों ने पहले बाइक रोका नहीं रुकने पर पीछे से गोली मार दी। जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। उपेंद्र के पिता बामी में रहकर लोगों का इलाज करते हैं। इनका बेटा प्याज लेकर चतरा पढ़ने के लिए जा रहा था। इसी बीच बदमाशों को लगा कि अफीम लेकर जा रहा है। इधर, युवक और महिला को गायब होना और फिर नौ दिनों बाद दोनों का शव बामी देवकुंडी के घनघोर जंगल से बरामद होना और अफीम की खेती की विनिष्टिकरन होना इसी दोहरे हत्याकांड से देखा जा रहा है। जिस गांव में घटना घटित हुई है। उस गांव के कुछ लोगों का दबे जुबान कहना है कि गांव के साबिर मियां जो जोरी का रहने वाला है और दुकान चलाने के आड़ में अफीम की खेती करवाता है। साथ ही बाहरी अफीम तस्करों को बुलाकर उंची दामों पर बेचता है। इस बार भी मजदूरों से पोस्ते की खेती करवाया था, जो पुलिस और वन विभाग द्वारा अभियान चला कर नष्ट कर दिया गया। इसकी जिम्मेवारी कुंदा मेदवाडीह के युवक विकास यादव और बामी गांव निवासी कोमल भुइयां की पत्नी आशा देवी को मान रहे हैं। 14‌ दिसम्बर को साबिर मिंया ने गांव वालों को उकसा कर विकास यादव और आशा देवी को शाम में पहले पकड़ लिया। इसके बाद पत्थर से मौत की घाट उतार दिया और फिर घनघोर जंगल में दोनों के शवों को जमीन में दफन कर दिया। इस तरह अभी तक बामी देवकुंडी पक्की रोड से चार लोग अफीम तस्कर की भेंट चढ़ चुके हैं।

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