नियमों को अनदेखा कर हो रही है रेलवे साइडिंग से कोयले की ढुलाई, जांच की मांग
टंडवा और बालूमाथ थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक रेलवे साइडिंग से हर रोज तीस रैक से अधिक कोयले की ढुलाई हो रही है।
टंडवा, निज प्रतिनिधि। टंडवा और बालूमाथ थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक रेलवे साइडिंग से हर रोज तीस रैक से अधिक कोयले की ढूलाई हो रही है। हर साइडिंग से कोयला ढूलाई के लिए पर्यावरण विभाग के कठोर नियमो का पालन करना होता है जिसे ताक में रखकर धड़ल्ले से काले हीरे का कारोबार हो रहा है। इतना ही नहीं कोयले की ढूलाई से आसपास की जमीनें धीरे धीरे बंजर होती जा रही है। इस मामले में भाजयुमो के महामंत्री विकास मालाकार ने चतरा और लातेहार डीसी से जांच करने की मांग की है। जानकारी के अनुसार सीसीएल के रेलवे साइडिंग बालूमाथ, बुकरु, फुलबसिया, टंडवा के राजधर और शिवपुर समेत अन्य साइडिंग से हर रोज लगभग 120 लाख टन कोयले की ढूलाई रेलवे रैक से हो रही है। जानकारों की मानें तो पर्यावरण से जूड़े सीटीओ, सीटीई, एयर प्यूरी फायर, सेड समेत अन्य नियमो का पालन करना पड़ता है। इसमें कुछ साइडिंग में उपरोक्त नियमों का पालन नहीं हो रहा है। शिवपुर साइडिंग से जूडे ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इतनी कोयले की ढूलाई से आसपास उड़ते धूलकण उपजाऊ भूमि को धीरे धीरे बंजर कर रहा है। चतरा के सांसद कालीचरण सिंह देश के संसद में यह कह चुके हैं कि कोयले की ढूलाई से लोग गंभीर बिमारियों के शिकार हो रहे है। लोग अब पुछ रहे हैं कि सीसीएल कोयला ढोने के लिए साइडिंग तो बनवाती हैं। पर नियमों का पालन हो रहा है या नहीं? इसकी जांच कौन करेगा ? इस संबंध में टंडवा के सीओ बिजय दास कहते हैं कि नियमो का पालन न करने पर जांच के बाद विधिसंवत कार्रवाई जल्द होगी।
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