मगध के न्यू तिलैयाटांड़ में 75 परिवारों को सीसीएल ने किया पुनर्वास
मगध के न्यू तिलैयाटांड़ में 75 परिवारों को सीसीएल ने किया पुनर्वास मगध के न्यू तिलैयाटांड़ में 75 परिवारों को सीसीएल ने किया पुनर्वास मगध के न्यू तिलैया
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टंडवा, निज प्रतिनिधि। मगध, आम्रपाली, संघमित्रा और चंद्रगुप्त कोल परियोजना से हर साल 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने के लक्ष्य पर काम कर रही सीसीएल के विस्तारीकरण से लगभग 40 गांव से अधिक परिवार विस्थापित होने वाले है़। मगध और आम्रपाली प्रबंधन के द्वारा कोल उत्पादन के लिये गांवों को विस्थापित करना आरंभ कर दिया है। इसमें सर्वप्रथम लातेहार जिले के बालूमाथ अंचल के चमातू गांव का टोला तिलैयाटांड़ है। जहां सिर्फ साहू और उरांव समाज के लोग रहते थे। बताया गया कि एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना मगध के जीएम नृपेन्द्रनाथ ने तिलैयाटांड़ के 75 परिवार को न्यू तिलैयाटांड़ को पुनर्वास स्थल बना दिया। जो गणेशपुर पंचायत में पड़ता है। पुनर्वास के दौरान जिस प्रखंड के लोग वासी है उसी प्रखंड में सीसीएल पुनर्वास की योजना बना रही है। ताकी किसी को अपना पंचायत छोड़ने का मलाल न रहे। सीसीएल ने पुनर्वास के लिये 428 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित किया है। बताया गया कि बालूमाथ के चमातू और आरा गांव के सैकड़ों परिवार को इसी भू-खंड में पुनर्वास बनाये जाने की योजना है। अधिकारियों के मुताबिक जमीन के बदले चमातू गांव के 500 भू-दाताओं को सीसीएल नौकरी दे चुकी है। इसी प्रकार आम्रपाली जीएम अमरेश कुमार ने 40 परिवार की बस्ती मनवाटोंगरी को विस्थापित करने में सफल रहे। जीएम के अनुसार आरएण्ड आर पॉलिसी के तहत हर वयस्क परिवार को सीसीएल पांच डीसमिल जमीन और घर शिफ्टिंग के लिये दो लाख की राशि दे रही है। उक्त सुविधा न लेने पर सात लाख मुआवजा।
पुनर्वास स्थल पर पीने की पानी की समस्या: जिस तिलैयाटांड़ गांव में दादा से लेकर परदादाओं का समय गुजरा हो उनकी यादें व आशियाना को छोड़ गांव के 75 परिवार न्यू तिलैयाटांड़ में रहने लगे है। पुनर्वास स्थल पर कुछ परिवार अपना आशियाना बनाने में लगा हुआ है तो कुछ परिवार मकान बना कर रह रहे है। गांव छोड़ने का दर्द तो है पर देश के विकास के लिये नये आशियाना में शरण ले लिये। हिन्दुस्तान संवाददाता ने सीसीएल के पुनर्वास स्थल न्यू तिलैयाटांड़ का जायजा लिया तो देखा सीसीएल के द्वारा पक्की रोड, सरकारी बिजली, स्कूल के लिये नये भवन, पानी पीने के लिये बोरिंग और कुछ चापानल लगाये गये है। परन्तु दो डीप बोरिंग खराब था। अपना घर बना रही मनोज उरांव की पत्नी नमीता देवी कहती है कि यहां पीने की पानी की बड़ी समस्या है। पाइपलाइन से पानी की सप्लाई मिलती तो किसी को दिक्कत नहीं होती। वहीं विस्थापित प्रदीप कुमार कहते है कि कुछ परिवार तो पानी के लिये अपनी जेब ढिली कर बोरिंग करवा रहे है। तालाब नहीं रहने से लोगों को परेशानी हो रही है। बताया गया कि गांव वालों का इलाज के लिये सीसीएल 1.20 करोड़ की लागत से डिस्पेंशरी बनवा रही है।
शहर के तर्ज पर कॉलेज से लेकर अस्पताल तक खुलेंगे: जीएम
मगध संघमित्रा के जीएम नृपेन्द्रनाथ का कहना है कि आरा और चमातू समेत अन्य विस्थापित परिवार के बुनियादी विकास के लिये सीसीएल सजग है। न्यू तिलैयाटांड़ के आसपास सीसीएल स्कूल से कॉलेज, अस्पताल, धर्म स्थल, स्टेडियम और गर्ल बॉय के हॉस्टल खोलेगी। यह पुनर्वास स्थल पूरी तरह शहर के रूप में विकसित होंगे।
भाजयुमो के जिला महामंत्री ने लिया जायजा
भाजयुमो के जिला महामंत्री विकास मालाकार ने सीसीएल द्वारा पुनर्वास स्थल न्यू तिलैयाटांड में रह रहे विस्थापित परिवार से मुलाकात कर विकास की जानकारी ली। जिला महामंत्री ने बताया कि पुनर्वास स्थल तो पुरी तरह विकसित नहीं हुआ है। पर पीने की पानी, बच्चों के खेल-कूल, अस्पताल जैसे बुनियादी समस्यायों से लोग जूझ रहे है। उन्होंने जीएम और पीओ से तत्काल पीने की पानी की समस्या दूर करने और गांव में एक तालाब बनवाने की मांग की। सीसीएल के पुनर्वास स्थल स्कूल डिस्पेंसरी से लैश होगा
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