अफीम तस्करों का डिलीवरी केंद्र बनता जा रहा बगरा
अफीम तस्करों का डिलीवरी केंद्र बनता जा रहा बगरा अमूमन हर रोज होता है अफीम तस्करों की चहलकदमी पुलिस की मजबूत नेटवर्क से तस्करों में खलबली सिमरिया प्रतिनिधि सिमरिया अनुमंडल मुख्यालय...
सिमरिया अनुमंडल मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर स्थित बगरा चौक एक समय इमारती लकड़ी और कोयला डिपो के लिए मशहूर था। यूपी,पश्चिम बंगाल, उड़ीसा आदि प्रदेशों के व्यापारी लकड़ी और कोयला का कारोबार के लिए बगरा आते थे। मगर वही बगरा अब अफीम तस्करों का डिलीवरी पॉइंट के तौर पर जाना जाने लगा है। सिमरिया और उसके पड़ोसी प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में चोरी छुपे उगाए जाने वाले अफीम का लेनदेन का सौदा बगरा चौक के इर्द गिर्द ही अक्सर होता है। पिछले एक सप्ताह में लगभग 44 किलो अफीम की बरामदगी की घटना ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है। दरअसल बगरा लावालौंग प्रखंड और लातेहार जिला का बालूमाथ और बरियातू प्रखंड के करीब स्थित है। लावालौंग, पश्चिमी सिमरिया, बरियातू और बालूमाथ के जंगली इलाकों में अफीम की खेती होती है। पुलिस की आवाजाही ज्यादा नहीं होने के कारण अफीम तस्कर अफीम के खरीद बिक्री के लिए सेफ जोन मानते हैं। बगरा के युवक सोनू का कहना है कि पुलिस अगर अपना नेटवर्क थोड़ा और मजबूत कर ले तो बगरा से करोड़ों रुपए का अफीम के सौदे का खुलासा हो सकता है। वैसे पिछले कुछ समय से सिमरिया पुलिस ने अपना नेटवर्क काफी मजबूत कर लिया है। यही वजह है कि तस्कर अब सलाखों के पीछे कैद हो रहे हैं। दरअसल अफीम की खेती को बढ़ावा देने के पीछे अफीम तस्कर ही हैं, जो भोले भाले किसानों को अफीम की खेती करने के लिए पूंजी तक उपलब्ध कराते हैं। और जब फसल तैयार हो जाता है तो तस्कर खरीद भी लेते हैं। बहरहाल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चतरा डीसी ने नशामुक्त समाज का निर्माण के लिए एक अभियान छेड़ने का निर्णय लिया है। इस अभियान की खास बात यह होगी कि बच्चे बड़ों को नशा से होने वाले हानि के बारे में समझाएंगे।
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