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कचरा फेंक पाटे जा रहे तालाब, अतिक्रमण से मिट रहा वजूद

जल संरक्षण करने वाले तालाबों का अस्तित्व लोग अपनी गलतियों के कारण खत्म कर रहे हैं। इससे चक्रधरपुर शहर के ऐसे कई तालाब है, जो कचरों से ढ़कने के कारण मैदान का रूप ले चुका...

Newswrap हिन्दुस्तान, चक्रधरपुरWed, 8 July 2020 02:24 AM
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जल की उपयोगिता के बारे में कोई अनजान नहीं है। इसके बगैर जीवन का अस्तित्व नहीं है। इसके बावजूद इसे संरक्षित व संग्रहित करने की दिशा में हमारा प्रयास नहीं होता। पानी की बर्बादी को रोकने की दिशा में भी लोग सजग नहीं है। जलवायु परिवर्तन का खतरा भी इसी लापरवाही की वजह से है। सरकार ने इस दिशा में कदम जरूर बढ़ाए हैं, पर सामाजिक स्तर पर भी इसके प्रति लोगों को सचेत होने की जरूरत है। पुराने जमाने में हमारे पूर्वज सामाजिक स्तर पर तालाब व कुंआ खुदवाकर उसकी उचित देखरेख भी करते थे। लेकिन समय के साथ सोच में बदलाव हुआ और तालाब उपेक्षा के शिकार होते चले गए। इसमें कूड़ा-कचरा फेंका जाने लगा। जल संरक्षण करने वाले तालाबों का अस्तित्व लोग अपनी गलतियों के कारण खत्म कर रहे हैं। चक्रधरपुर शहर के ऐसे कई तालाब हैं, जो कचरा फेंकने के कारण मैदान का रूप ले चुका है। कुछ लोग अतिक्रमण कर तालाब की जमीन पर घर बना लिये हैं। चक्रधरपुर का ऐतिहासिक तालाब के ल्रिए प्रसिद्ध रानी तालाब का अस्तित्व भी इन दिनों खतरे में है। तालाब के आसपास कई लोगों ने ऊंचे-ऊंचे मकान बना लिए हैं। तालाब की साफ-सफाई नहीं होने के कारण इन दिनों पूरा तालाब जलकुंभी से ढंक गया है। नौ एकड़ में फैला यह तालाब अतिक्रमण व कचरों के कारण छह एकड़ में सिमट कर रह गया है। पोड़ाहाट किला बनने के दौरान राज परिवार ने तालाब का निर्माण कराया गया था। इसलिए इसे रानी तालाब के नाम से जाना जाता है, लेकिन इस ऐतिहासिक तालाब को बचाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं किया जा रहा है। इसी तरह चक्रधरपुर के मारवाड़ी उच्च विद्यालय के पीछे, मारवाड़ी स्कूल के समीप, वार्ड संख्या आठ का तालाब, पोस्ट ऑफिस रोड के पीछे का तालाब समेत अन्य तालाबों में गंदगी का अंबार लगा है। साथ ही तालाब के आसपास क्षेत्र में अतिक्रमण भी कर लिया गया है। कागजों तक सिमटी तालाब सौंदर्यीकरण की योजनाचक्रधरपुर के वार्ड संख्या एक पुरानी बस्ती के रानी तालाब के सौंदर्यीकरण करने की योजना अधिकारियों के कागज तक सिमट कर रह गई है। नगर परिषद् बनने के बाद पिछले दस सालों से तालाब के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की बात होते आयी है। तालाब के आसपास लाईट लगाकर बोटिंग इत्यादि कराने की भी योजना पूर्व में बन चुकी है। लेकिन सारी योजनाएं धरी की धरी पड़ी हुई है। वहीं इस मामले से अधिकारियों से पूछे जाने पर भी टालमटोल जवाब दिया जाता है। गंदगी से पटे तालाब का लिया जायजाचक्रधरपुर नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी ने मंगलवार को शहर में घुमकर कचरों से पटे तालाब का जायजा लिया। जहां उन्होंने सफाईकर्मियों को तालाब की गंदगी साफ करने संबंधित हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण किये गये तालाबों को भी चिहिन्त किया जा रहा है। चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र के तालाबों को बचाने के लिए नगर परिषद् प्रयासत है। ऐतिहासिक रानी तालाब को चाईबासा के तालाब की तरह जीर्णोद्धार करने की योजना है। मामले की जानकारी जिला के डीसी व डीडीसी को भी है। जल्द ही इस पर काम किया जाएगा।अभय कुमार झा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद् चक्रधरपुरफोटो संख्या...6...जलकुंभी से भरा चक्रधरपुर का रानी तालाब

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